चर्चा में क्यों?
हाल ही में, डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के अंतर्गत नेशनल ई गवर्नेंस डिवीज़न ने नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी (भोपाल) की सहायता से साइबर लॉ, साइबर अपराध जाँच और डिजिटल फोरेंसिक में ऑनलाइन पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा की शुरुआत की है।
अवधि
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डी.एल.एम.एस.) के ज़रिये लगभग 1000 अधिकारियों को 9 महीने का ऑनलाइन पी.जी. डिप्लोमा उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्देश्य
इस कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक मानकों, कार्यपद्धतियों तथा दिशानिर्देशों का अवलोकन करते समय भारतीय साइबर कानून के अनुसार पुलिस साइबर सेल, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, न्यायिक अधिकारियों और अभियोजकों को साइबर फॉरेंसिक मामलों में आवश्यक कुशलता हासिल करने में सक्षम बनाना है।
क्या है डिजिटल फॉरेंसिक?
डिजिटल फॉरेंसिक के तहत कम्प्यूटर, मोबाइल फ़ोन, सर्वर या डिजिटल मीडिया नेटवर्क के ज़रिये साक्ष्यों को खोजा जाता है। इसमें एक कुशल फॉरेंसिक टीम द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी और उपकरणों के माध्यम से जटिल डिजिटल आपराधिक मामलों को हल किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिये न्यायालय की सहमति आवश्यक है।
क्या है साइबर अपराध?
इसमें कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, इंटरनेट या किसी अन्य नेटवर्क के माध्यम से आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। साइबर अपराध में पहचान की चोरी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, कम्प्यूटर से व्यक्तिगत डाटा हैक करना, फ़िशिंग, अवैध डाउनलोडिंग, साइबर स्टॉकिंग, वायरस प्रसार सहित कई प्रकार की गतिविधियाँ शामिल हैं।
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