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साइबर धोखाधड़ी एवं डीप-फेक तकनीक

(प्रारम्भिक परीक्षा: सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन, प्रश्नपत्र- 3 : सूचना प्रौद्योगिकी एवं कम्प्यूटर आदि सम्बंधित विषयों में जागरूकता)

पृष्ठभूमि

हाल ही में, साइबर अपराध सेल के अधिकारियों ने कुछ ऐसी ऐप और वेबसाइटों के बारे में बताया है जिनके द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एल्गोरिदम का उपयोग करते हुए किसी भी निर्दोष व्यक्ति की अश्लील तस्वीरें बनाई जा सकती हैं।

इसके बाद इन तस्वीरों का इस्तेमाल पीड़ितों को ब्लैकमेल करने, बदला लेने या सोशल नेटवर्किंग और डेटिंग साइट्स पर धोखाधड़ी करने के लिये किया जाता है।

डीप-फेक तकनीक क्या है?

  • साइबर अपराधी किसी वीडियो, तस्वीर या ऑडियो पर डिजिटल कंपोज़िट (कई मीडिया फ़ाइलों को अंतिम रूप देने के लिये असेंबल करने) के लिये एप्स और वेबसाइटों पर आसानी से उपलब्ध ए.आई. सॉफ्टवेयरों का उपयोग करते हैं।
  • ए.आई. एल्गोरिदम का उपयोग करके किसी भी व्यक्ति की आवाज़ को, शरीर की हरकतों एवं अन्य अभिव्यक्तियों को बहुत सहज तरीके से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित किया जा सकता है।
  • यदि सूक्ष्मता से इनका अवलोकन न किया जाए तो यह बता पाना मुश्किल होता है कि यह असली हैं या नकली। इन तस्वीरों या विडियो को डीप-फेक कहा जाता है व तकनीक को डीप-फेक तकनीक कहते हैं।

इस तकनीक के खतरे

  • ये डीप-फेक तस्वीरें और वीडियो इतने वास्तविक हो सकते हैं कि इसके द्वारा साइबर अपराधी किसी को ब्लैकमेल कर सकते हैं या बड़ी आसानी से गलत सूचना फैला सकते हैं, अतः फेक और गलत फॉर्वर्ड्स के समय में समाज के लिये ये तकनीक बहुत ही खतरनाक साबित हो सकती है।
  • रियल-टाइम फेस ट्रैकिंग की वजह से लोगों के विश्वसनीय वीडियो बनाना बहुत आसान हो गया है।
  • "रिवेंज पोर्न" अर्थात किसी व्यक्ति के मानसिक उत्पीड़न के लिये यौन रूप से स्पष्ट वीडियो के निर्माण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो बिना किसी व्यक्ति की सहमति के इंटरनेट पर डाले जा रहे हैं।

कैटफिश खाते (catfish accounts) क्या हैं?

  • वास्तव में किसी व्यक्ति को ऑनलाइन लुभाने के उद्देश्य से बनाए गए काल्पनिक ऑनलाइन प्रोफाइल को कैटफिश खाता कहते हैं।
  • किसी "कैटफिश" खाते को किसी व्यक्ति की नकली सोशल मीडिया आई.डी. के द्वारा बनाया जाता है, ताकि जिस व्यक्ति को लक्षित किया  गया है उसे इसके द्वारा फंसाया जा सके।

सावधानियाँ और आगे की राह:

  • किसी सोशल मीडिया प्रोफाइल के चित्रों पर टिप्पणियों का विश्लेषण करके, उसी प्रकार के अन्य प्रोफाइल मौजूद हैं या नहीं यह पता करके, संदिग्ध व्यक्ति की गतिविधियाँ व्यवस्थित हैं या नहीं आदि पर विशेष ध्यान देकर यह पता लगाया जा सकता है कि वह प्रोफाइल वास्तविक है या नहीं।
  • यद्यपि किसी व्यक्ति की छवियों/तस्वीरों/वीडयो को डाउनलोड या उसका दुरुपयोग कौन करता है, इस पर नज़र रखना आसान नहीं है!  लेकिन सोशल मीडिया प्रोफाइल पर गोपनीयता सेटिंग (Privacy Settings) का उपयोग करके इस प्रकार की अनाधिकृत गतिविधियों से बचा जा सकता है।
  • यदि किसी भी व्यक्ति को लगता है कि उसकी छवि या तस्वीर या वीडियो  का उपयोग उसकी पूर्व-अनुमति के बिना किया गया है, तो वे अपनी ऐसी तस्वीरों को खोजने के लिये स्वतंत्र रूप से उपलब्ध रिवर्स इमेज सर्च टूल का उपयोग कर सकते हैं।
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