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चक्रवात दाना

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाएँ)

चर्चा में क्यों 

हाल ही में चक्रवात ‘दाना’ ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के तट से टकराया। 

चक्रवात दाना के बारे में 

  • दाना एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है जो बंगाल की खाड़ी के ऊपर निर्मित निम्न दबाव क्षेत्र के कारण उत्पन्न हुआ।
  • इस  चक्रवात का मुख्य लैंडफॉल बिंदु भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और धामरा तट था।
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD)  के अनुसार चक्रवात के लैंडफॉल के बाद हवा की गति 120 किमी. प्रति घंटा थी।
  • IMD के अनुसार इस दौरान जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, कटक, भद्रक, जाजपुर, बालासोर और मयूरभंज जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा (7 से 20 सेमी.) दर्ज़ की गई।

चक्रवात का नामकरण

  • विश्व मौसम संगठन (WMO) के अनुसार 'दाना' चक्रवात का नामकरण कतर द्वारा किया गया है। 
    • दाना एक अरबी शब्द है जिसका अरबी संस्कृति में अत्यधिक महत्व है। इसका अर्थ 'सबसे सही आकार का, मूल्यवान और सुंदर मोती’ है ।
    • यह सामान्यत: फारस की खाड़ी क्षेत्र में स्थित अरब राज्यों में पाया जाता है, जो मोती गोताखोरी के अपने समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है। 
  • चक्रवात का नाम रखते समय कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है। ये दिशा-निर्देश सुनिश्चित करते हैं कि नाम तटस्थ हों, किसी भी राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक या लैंगिक पूर्वाग्रह से मुक्त हों। 

चक्रवात की निगरानी 

  • ओडिशा के पारादीप में डॉपलर मौसम रडार द्वारा इस चक्रवात प्रणाली की बारीकी से निगरानी की गई।
    • इसरो ध्रुवीय परिक्रमा उपग्रह EOS-06 और भूस्थिर उपग्रह INSAT-3DR द्वारा  नियमित रूप से चक्रवात की स्थिति के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान की गई।
    • इसरो का ध्रुवीय परिक्रमा उपग्रह EOS-06 का स्कैटरोमीटर सेंसर चक्रवात के बनने से पहले समुद्री हवाओं और उनके परिसंचरण की स्थिति प्रदान करता है।
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