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IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

सिंधु घाटी सभ्यता में डेयरी उत्पादन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, एक नए अध्ययन से पता चला है कि 2500 ईसा पूर्व तक हड़प्पा निवासियों द्वारा डेयरी उत्पादों का प्रयोग किया जा रहा था।

मुख्य बिंदु

  • प्राचीन बर्तनों के अवशेषों का विश्लेषण करने के पश्चात् शोधकर्ताओं को डेयरी उत्पाद प्रसंस्करण के शुरुआती और प्रत्यक्ष प्रमाण प्राप्त हुए हैं, जो सभ्यता की ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर प्रकाश डालते हैं।
  • ध्यातव्य है कि गुजरात के एक छोटे से पुरातात्विक स्थल कोटड़ा भदली (Kotada Bhadli) से प्राप्त मिट्टी के बर्तनों के टुकड़ों पर यह अध्ययन किया गया।
  • टीम ने प्राचीन मिट्टी के बर्तनों से अवशेषों का अध्ययन करने के लिये आण्विक विश्लेषण तकनीक (molecular analysis technique) का उपयोग किया।
  • ये बर्तन महीन छिद्रयुक्त (porous) हैं। चूँकि बर्तन वसा और प्रोटीन जैसे भोज्य-अणुओं को संरक्षित करते हैं अतः C16 और C18 विश्लेषण जैसी तकनीकों का उपयोग करके लिपिड के स्रोत की पहचान की जा सकती है।
  • प्राप्त अवशेषों से यह भी पता चला है कि हड़प्पा सभ्यता में दूध अधिशेष में उत्पादित किया जाता था, ताकि इसका आदान-प्रदान और व्यापार हो सके।
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