चर्चा में क्यों?
हाल ही में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने देश में बांधों की सुरक्षा और रख-रखाव हेतु ड्रिप परियोजना (DRIP) के दूसरे और तीसरे चरण को मंज़ूरी दे दी है।
परियोजना का उद्देश्य-
- इसका उद्देश्य चयनित बांधों व सम्बंधित परिसम्पत्तियों की सुरक्षा, संचालन और रख-रखाव में स्थाई रूप से सुधार कर वैकल्पिक साधनों का पता लगाना है, जिससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्त किया जा सके। साथ ही, इसमें भाग लेने वाले राज्यों के अतिरिक्त केंद्रीय स्तर पर भी बांध सुरक्षा से सम्बंधित व्यवस्था को मज़बूत कर व्यापक प्रबंधन व संस्थागत सुदृढ़ीकरण करना है।
- विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक के द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त इस परियोजना को 10,211 करोड़ रुपए की लागत से 10 वर्ष की अवधि (2021-2031) में पूरा किया जाना है। इसके तहत 19 राज्यों के 736 बांधों को कवर किया जाएगा।
- इस योजना के पहले चरण की शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी, जिसके तहत 7 राज्यों के 223 बांधों को कवर किया गया था।
- भारत बड़े बांधों की संख्या के मामले में चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है। भारत में बड़े बांधों की संख्या 5,334 है, जिनमें से 80% से ज़्यादा बांध 25 साल से भी अधिक पुराने हैं। बांध और जलाशय देश के आर्थिक और कृषि विकास, परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- ध्यातव्य है कि बांधों की देखभाल के लिये बांध स्वास्थ्य और पुनर्वास निगरानी (Dam Health and Rehabilitation Monitoring-DHARMA) प्रणाली का उपयोग वर्तमान में 18 राज्यों द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, भूकम्पीय खतरा विश्लेषण सूचना प्रणाली (Seismic Hazard Analysis Information ystem-SHAISYS) भी बांधों की देखभाल के लिये विकसित की गई है।