(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 व 3: सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय, आपदा और आपदा प्रबंधन)
संदर्भ
हाल ही में, राज्यसभा ने जल शक्ति मंत्रालय के बाँध सुरक्षा विधेयक, 2019 को पारित कर दिया है।
बाँध सुरक्षा विधेयक, 2019 की मुख्य बातें
- बाँध सुरक्षा विधेयक सभी बड़े बाँधों की निगरानी, निरीक्षण, परिचालन और रखरखाव संबंधी सुविधा प्रदान करेगा, ताकि बाँध से होने वाली आपदा को रोका जा सके।
- इससे जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न हुई चुनौतियों के कारण बाँध सुरक्षा से जुड़ी गंभीर समस्याओं का समाधान निकाला जा सकेगा। साथ ही, इसमें बाँधों के नियमित निरीक्षण और जोखिम संबंधी वर्गीकरण की व्यवस्था है।
तंत्रों का गठन
- इस विधेयक में केंद्र और राज्य स्तरों पर एक संस्थागत तंत्र की व्यवस्था का प्रावधान है, ताकि बाँधों के सुरक्षित परिचालन के लिये आवश्यक संरचनात्मक व गैर-संरचनात्मक उपायों की दिशा में कार्य किया जा सके।
- बाँध सुरक्षा नीतियों और मानकों के राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये इस विधेयक में ‘राष्ट्रीय बाँध सुरक्षा प्राधिकरण’ नामक एक नियामक संस्था की स्थापना का भी प्रावधान है।
- बाँध सुरक्षा नीतियों, प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं को विकसित करने के लिये ‘राष्ट्रीय बाँध सुरक्षा समिति’ का गठन किया जाएगा। साथ ही, ‘राज्य बाँध सुरक्षा समिति’ के गठन और ‘राज्य बाँध सुरक्षा संगठन’ की स्थापना का भी प्रावधान है।
- इस विधेयक में विशेषज्ञों के एक स्वतंत्र समूह द्वारा आपातकालीन कार्य योजना बनाने और बाँध सुरक्षा की व्यापक स्तर पर समीक्षा का प्रावधान किया गया है।
निवासियों की सुरक्षा
- नदी के प्रवाह की दिशा में रहने वाले निवासियों की सुरक्षा के लिये आपातकालीन बाढ़ चेतावनी प्रणाली स्थापित की जाएगी। निर्धारित समय पर बाँध की मरम्मत और रखरखाव के लिये आवश्यक मशीनरी व संसाधन उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है।
- इस विधेयक में संस्थागत ढाँचे को स्थापित करने के लिये समय-सीमा के निर्धारण के साथ-साथ अन्य प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये दंडात्मक प्रावधानों को भी शामिल किया गया है।
निष्कर्ष
- विश्व में बाँधों की संख्या के संदर्भ में चीन और अमेरिका के पश्चात् भारत तीसरे स्थान पर है। देश में लगभग 5,700 बड़े बाँध हैं। लगभग 227 बाँधों के 100 वर्ष से भी अधिक पुराने होने के कारण उनका संरक्षण महत्त्वपूर्ण मुद्दा हैं।
- कुछ अपवादों को छोड़कर भारत में बाँध सुरक्षा का ट्रैक रिकॉर्ड विकसित देशों के समकक्ष ही रहा है। इस विधेयक से भारत में बाँध सुरक्षा और जल संसाधन प्रबंधन में सहायता मिलेगी।