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भारत में 2080 तक भू-जल में तीन गुना कमी का खतरा

प्रारम्भिक परीक्षा – आपदा, जल संकट, राष्ट्रीय जल नीति- 2012, राष्ट्रीय जल मिशन
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-3

संदर्भ

  • एक सितंबर 2023 को अंतरराष्ट्रीय जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित  एक रिसर्च के अनुसार, विश्व में बढ़ते तापमान के कारण जल संकट  की समस्या उत्पन्न हो रही  है जो जलवायु में आते बदलावों के साथ और गंभीर रूप ले रहा है।

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प्रमुख बिंदु 

  • अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, बढ़ते तापमान और गर्म जलवायु के चलते भारत आने वाले दशकों में अपने भू-जल का अत्यधिक दोहन कर सकता है। 
  • एक अनुमान के अनुसार, 2040 से 2080 के बीच भू-जल में आती गिरावट की दर तीन गुना बढ़  सकती है। 
  • आंकड़ों से पता चला है कि भारत में हर साल  230 क्यूबिक किलो.मीटर भू-जल का उपयोग  किया जा रहा है, जो कि भू-जल के वैश्विक उपयोग का लगभग एक चौथाई हिस्सा है। 
  • देश में भू-जल की सबसे ज्यादा खपत कृषि के लिए की जा रही है। 
  • देश में गेहूं, चावल और मक्का जैसी प्रमुख फसलों की सिंचाई के लिए भारत बड़े पैमाने पर भू-जल पर निर्भर है। लेकिन जैसे-जैसे तापमान में वृद्धि हो रही है, खेत तेजी से सूख रहे हैं इसके साथ ही मिट्टी में नमी को सोखने की क्षमता भी घट रही है। जिसकी वजह से भारत में भू-जल स्रोतों को रीचार्ज होने के लिए पर्याप्त जल नहीं मिल रहा है। इससे देश में भू-जल का स्तर तेजी से नीचे गिरता जा रहा है।

समस्या 

  • भू-जल कमी से न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा के लिए भी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। 
  • यूनिवर्सिटी आफ मिशिगन के स्कूल फार  एनवायरनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी में सहायक प्रोफेसर नेहा जैन  के अनुसार, भारत में किसान बढ़ते तापमान से निपटने के लिए अधिक सिंचाई का उपयोग कर रहे हैं। 
  • यह चिंताजनक है क्योंकि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा भू-जल का उपयोग करने वाला देश है जो क्षेत्रीय और वैश्विक खाद्य उत्पादन दोनों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • अध्ययन में इस बात पर गौर किया गया है कि देश में बढ़ते तापमान के चलते फसलों पर पड़ने वाले दबाव से निपटने के लिए पानी की मांग बढ़ सकती है। 
  • शोध के अनुसार, बढ़ते तापमान और सर्दियों में बारिश में आती गिरावट के चलते भू-जल में गिरावट आ रही है, जिसकी भरपाई मानसून में होने वाली अतिरिक्त बारिश भी नहीं कर पा रही है।
  • अंतरराष्ट्रीय जर्नल नेचर में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि 2050 तक दुनिया के 79  प्रतिशत तक भू-जल स्रोत खत्म हो जाएंगे। 
  • वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उत्तर भारत जो कि देश में गेहूं और चावल का प्रमुख उत्पादक क्षेत्र है, वहां 5,400 करोड़ घन मीटर प्रति वर्ष की दर से भू-जल घट रहा है।

नीति आयोग

  • नीति आयोग  ने भी अपनी एक रिपोर्ट में देश में लगातार घटते भू-जल के स्तर को लेकर चिंता जताई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार भू-जल में आ रही यह गिरावट 2030 तक गंभीर खतरे का रूप ले लेगी। 
  • एक अन्य अध्ययन से पता चला है कि पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में भू-जल का स्तर औसत से 27.8 फीसद तक घट गया है। 
  •  कोलकाता में भी भू-जल में 18.6 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। 
  • 2025  तक कोलकाता के जल स्तर में 44 फीसद की गिरावट आ सकती है।

सामाधान

सरकार द्वारा संकट समाप्त करने के लिए उठाये गये कदम:

राष्ट्रीय जल नीति 2012

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  • राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद ने 2012 में राष्ट्रीय जल नीति का गठन किया जिसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख बिन्दु शामिल हैं:
  • अंतरराज्यीय नदी और घाटियों का सर्वोत्कृष्ट विकास
  • जलाधारित प्रत्येक कार्य का विकास
  • राज्य के अधिकारियों द्वारा जल का भण्डारण
  • जल नीति में जल संकट के निदान के लिए स्केल पर जोर दिया गया है।

राष्ट्रीय जल मिशन :

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  • जल संकट पर ध्यान दिए जाने के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने के लिए राष्ट्रीय जल मिशन की तैयारी शुरू कर दी है। राष्ट्रीय जल मिशन का मुख्य लक्ष्य है 'जल संरक्षण।

जल संरक्षण के क्षेत्र में किये जा रहे प्रमुख कार्य 

  • अटल भूजल योजना (ABHY),2019
  • जल शक्ति अभियान , 2019
  • नमामि गंगे पहल 
  • जल संरक्षण और वर्षा जल संरक्षण।
  • वॉटर शेड विकास कार्यक्रम 
  • गहन वनीकरण/वृक्षारोपण
  • तालाबों में पुनर्भरण कुओं की स्थापना।

निष्कर्ष:

  • जल संरक्षण के लिए सरकार ने अपनी तरफ से विशेष तौर पर प्रयास किया है, लेकिन एक नागरिक  के तौर पर हम भी जल संरक्षण के लिए अपने में एवं सामाजिक परिदृश्य में जागरूकता पैदा करें,ज्ञान साझा करें, सामाजिक बदलाव लाने का प्रयास करें तथा वृक्षारोपण करें।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?

  1. 2050 तक दुनिया के 79 प्रतिशत तक भू-जल स्रोत खत्म हो जाएंगे। 
  2. भारत में सबसे ज्यादा भू-जल ग्रहण करने वाले फसल गेहूं एवं गन्ना है।      

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए- 

कूट-

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न 1 और ना ही 2

उत्तर : (a)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न -  भारत में प्रत्येक वर्ष घटते भू-जल स्तर से उत्पन्न समस्या एवं उनके समाधान की व्याख्या कीजिए।

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