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राष्ट्रपति भवन का दरबार हॉल और अशोक हॉल

(प्रारम्भिक परीक्षा, सामान्य अध्ययन 1: भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।)

संदर्भ 

हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के दो विशाल कक्षों: ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर क्रमशः ‘गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ करने की घोषणा की है।

राष्ट्रपति भवन के बारे में

  • राष्ट्रपति भवन, जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के राष्ट्रपति का आवास है, भारतीय लोकतंत्र और इसकी धर्मनिरपेक्ष, बहुलवादी व समावेशी परंपराओं का प्रतीक है।
  • इसे वास्तुकारों सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा तत्कालीन वायसराय हाउस के रूप में डिजाइन किया गया था। 
    • यह वर्ष 1929 में बनकर तैयार हुआ और वायसराय इरविन इसके पहले निवासी बने।

विशेषताएं 

  • आकार : राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत 5 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और इसमें चार मंजिलों में छोटे-बड़े 340 कक्ष हैं।
    • लुटियंस ने H- आकार की संरचना को चुना, जो आंतरिक स्थान के प्रबंधन में सबसे जटिल ज्यामितीय क्रमपरिवर्तन को एकजुट करता है।
  • शैली : यह मुख्य रूप से पश्चिमी शैली के तहत बनाया गया है, जिसमें कुछ भारतीय तत्व शामिल हैं। 
    • उदाहरण के लिए, अटारी में संगमरमर की जालियाँ सजावट के साथ-साथ वेंटिलेशन तथा रोशनी प्रदान करने का भी काम करती हैं।
  • भवन परिसर : 
    • राष्ट्रपति भवन का प्रसिद्ध मुगल गार्डन 15 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। 
    • परिसर में अत्याधुनिक राष्ट्रपति भवन संग्रहालय परिसर (RBMC) भी है, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जुलाई 2016 में किया था।
  • अधिकांश अन्य महलों और हवेलियों के विपरीत, राष्ट्रपति भवन में कोई उपभवन अथवा उपांग नहीं हैं। 

गणतंत्र मंडप

  • वर्तमान में गणतंत्र मंडप (दरबार हॉल) में सिविल और रक्षा अलंकरण समारोह आयोजित किए जाते हैं, जहाँ राष्ट्रपति द्वारा प्राप्तकर्ताओं को सम्मान प्रदान किया जाता है।
    • इसके अलावा, यहाँ शपथ ग्रहण समारोह भी आयोजित किए जाते हैं। 
  • वर्ष 1947 में स्वतंत्र भारत की पहली सरकार का शपथ ग्रहण समारोह इसी हॉल में आयोजित किया गया था।

विशेषताएं : 

  • इसकी दीवारें 42 फीट ऊंची हैं, जो सफेद संगमरमर से बनी हैं और गुंबद का व्यास लगभग 22 मीटर है।
  • यह पीले जैसलमेर संगमरमर से बने स्तंभों से घिरा हुआ है, जिसके शीर्ष और आधार सफ़ेद हैं।
  • वस्तुतः कई रंगों का संगमरमर मुख्य रूप से राजस्थान के मकराना, अलवर, मारवाड़ और अजमेर से आयात किया गया था। गहरे चॉकलेट रंग का संगमरमर इटली से आयात किया गया था।
  • एक उत्कृष्ट बेल्जियम ग्लास झूमर दरबार हॉल की छत (33 मीटर की ऊंचाई) से लटका हुआ है।
  • इस मंडप में राष्ट्रपति की कुर्सी के पीछे 5वीं शताब्दी की बुद्ध प्रतिमा खड़ी है, जो शांति एवं आत्म-विजय की प्रतीक है।

अशोक मंडप

  • अशोक मंडप (अशोक हॉल) मूल रूप से एक बॉलरूम (ballroom) था। किन्तु, अब इसका उपयोग बाह्य देशों के मिशन प्रमुखों द्वारा अपने परिचय पत्र प्रस्तुत करने तथा राष्ट्रपति द्वारा आयोजित राजकीय भोज की शुरुआत से पहले आने वाले और भारतीय प्रतिनिधिमंडलों के लिए परिचय के एक औपचारिक स्थान के रूप में किया जाता है।

विशेषताएं :

  • इस हॉल की छत से छह बेल्जियम के झूमर लटके हुए हैं और कमरे में कई तरह की पेंटिंग सजी हुई हैं।
  • फारस के सात कजर शासकों में से दूसरे फतह अली शाह द्वारा उपहार में दी गई एक पेंटिंग को अशोक मंडप की छत पर लगाया गया है, जिसमें उन्हें बाघ का शिकार करते हुए दिखाया गया है।
  • छत में फ़ारसी में शिलालेखों के साथ शिकार के चार अन्य दृश्य लगाए गए हैं और दीवारों पर शाही जुलूस का चित्रण किया गया है। 
  • इटली के कलाकार टॉमसो कोलोनेलो की देख रेख में 23 भारतीय कलाकारों ने कक्ष के बाकी हिस्सों में जंगल की थीम पर सुन्दर चित्रकारी की है।
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