New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

डारलोंग समुदाय

चर्चा में क्यों

हाल ही में, डारलोंग समुदाय को आधिकारिक तौर पर अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल किया गया है।

डारलोंग जनजाति

  • लोकसभा द्वारा ‘संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022’ को पारित किये जाने के बाद अनुसूचित जनजातियों की सूची में इस समुदाय को शामिल किया गया है।
  • डारलोंग, त्रिपुरा में निवास करने वाले लगभग 11,000 लोगों का एक छोटा समुदाय है। 
  • उल्लेखनीय है कि वयोवृद्ध आदिवासी संगीतज्ञ और पारंपरिक संगीत विशेषज्ञ ‘थंगा डारलोंग’ को पद्म श्री पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।
  • डारलोंग को अभी तक कुकी समुदाय के तहत एक सामान्य जनजाति माना जाता था और इसलिये उन्हें 'कुकी' समुदाय के सदस्यों के रूप में आदिवासी प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता था। 

त्रिपुरा की प्रमुख जनजातियाँ

  • पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में 19 आदिवासी समुदाय निवास करते हैं। इनमें त्रिपुरी या देबबर्मा, रियांग या ब्रू, जमातिया, नोआतिया, उचॉय (Uchoi), चकमा, मोग, लुशाई, कुकी, मुंडा, कौर (Kour), ओरम, संथाल, भील, भूटिया, चैमार या सेरमई, गारो, खासी, लेप्चा और हलम शामिल हैं।
  • इनमें से कई समुदायों को उप-जनजातियों में विभाजित किया गया है। उदाहरण के लिये कुकी एक अम्ब्रेला आदिवासी समुदाय है जिसमें खासी, लुशाई, हमार्स सहित 17-18 छोटे कबीले शामिल हैं। कालांतर में लुशाई, हमार्स, गारो आदि अलग-अलग समुदायों के रूप में कुकी से अलग हो गए।
  • त्रिपुरा की लगभग 30% जनसंख्या आदिवासी हैं, जो अधिकतर ‘त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद’ के अधिकार क्षेत्र में निवास करते हैं और राज्य के भौगोलिक क्षेत्र के 70% को आच्छादित करते हैं। 
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR