प्रारम्भिक परीक्षा – रोपण कृषि, चाय , मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1
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संदर्भ:
- चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, देश में चाय का उत्पादन इस साल अगस्त 2023 में करीब 4% घटकर 17.79 करोड़ किलोग्राम पर आ गया है। जबकि अगस्त, 2022 में चाय का उत्पादन 18.54 करोड़ किलोग्राम से अधिक रहा था।
- चाय बोर्ड (Tea Board) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर भारत, मुख्य रूप से असम (Assam) और प. बंगाल (West Bengal) में चाय का उत्पादन घटकर 15.80 करोड़ किलोग्राम रह गया, जो अगस्त, 2022 में 17.09 करोड़ किलोग्राम से कुछ अधिक रहा था।
- असम (Assam) में चाय का उत्पादन 10.98 करोड़ किलोग्राम से घटकर 9.97 करोड़ किलोग्राम पर आ गया। इसी तरह प. बंगाल में उत्पादन 5.61 करोड़ किलोग्राम से घटकर 5.36 करोड़ किलोग्राम पर आ गया।
चाय के उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण
- चाय के उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण प्रतिकूल मौसम की स्थिति और कीटों का हमला है।
चाय की कृषि
- चाय की खेती रोपण कृषि का एक उदाहरण है जिसे वाणिज्यिक कृषि भी कहा जाता है। यह एक महत्त्वपूर्ण पेय पदार्थ की फसल है जिसे शुरुआत में अंग्रेज़ भारत में लाए थे।
- भारत में चाय, कॉफी, रबड़, गन्ना, केला इत्यादि महत्त्वपूर्ण रोपण फसले हैं।
- असम और उत्तरी बंगाल में चाय, कर्नाटक में कॉफी वहाँ की मुख्य रोपण फसलें हैं। चाय का पौधा उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु, ह्यूमस और जीवांश युक्त गहरी मिट्टी तथा सुगम जल निकास वाले ढलवाँ या पहाड़ी क्षेत्रों में भलीभाँति उगाया जाता है।
- चाय की झाड़ियों को उगाने के लिए वर्ष भर कोष्ण, नम और पालारहित जलवायु की आवश्यकता होती है।
- वर्ष भर समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें इसकी कोमल पत्तियों के विकास में सहायक होती हैं।
- चाय एक श्रम सघन उद्योग है। इसके लिए प्रचुर मात्रा में सस्ता और कुशल श्रम चाहिए। इसकी ताजगी बनाए रखने के लिए चाय की पत्तियाँ बागान में ही संसाधित की जाती हैं।
- चाय के मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में असम, पश्चिमी बंगाल में दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों की पहाड़ियाँ, तमिलनाडु और केरल हैं। इनके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, मेघालय, आंध्र प्रदेश और त्रिपुरा आदि राज्यों में भी चाय उगाई जाती है।
- सन् 2018 में भारत विश्व में चीन के बाद दूसरा बड़ा चाय उत्पादक देश था।
- भारत व श्रीलंका में काली चाय, चीन एवं जापान में हरी चाय एवं ताइवान में ओलंग चाय प्रसिद्ध है। भारतीय चाय विश्व में सर्वोच्च कोटि की है।
- चाय के क्षेत्रफल की दृष्टि से यद्यपि चीन का प्रथम स्थान है, परन्तु उत्पादन की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान रखता है।
- श्रीलंका संसार में सबसे बड़ा (27%) चाय निर्यातक है, उसके बाद केन्या का स्थान आता है। संयुक्त राज्य अमेरिका इसका सबसे बड़ा आयातक देश है।
कॉफी/ कहवा की कृषि
- यह भी चाय की भांति रोपण कृषि का उत्पाद एवं महत्वपूर्ण पेय पदार्थ है। कहवा की तीन मुख्य किस्में हैं- कॉफिया लाइबेरिया, कॉफिया अरेबिका और कॉफिया रोवस्टा ब्राजील में साओपोलो को 'विश्व का कहवा पात्र' कहा जाता है। कोलम्बिया और इंडोनेशिया के जावा द्वीप में कहवा उत्पादन की आदर्श भौगोलिक दशाएँ पाई जाती हैं। जमैका का 'ब्लू माउंटेन' विश्व में सर्वोच्च कोटि का कहवा है।
- 'अल्टा-वेरा-पाज' उत्तरी ग्वाटेमाला का एवं 'मोका' (Mocca) कहवा यमन के लाल सागर के तटीय भाग में उत्पन्न होने वाला उच्च कोटि का कहवा है। ब्राजील व कोलम्बिया विश्व के कहवे के क्रमशः सबसे बड़े निर्यातक है। जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़ा आयातक देश है।
- कॉफी भारतीय कॉफ़ी अपनी गुणवत्ता के लिए विश्वविख्यात है। हमारे देश में अरेबिका किस्म की कॉफ़ी पैदा की जाती है जो आरम्भ में यमन से लाई गई थी।
- इस किस्म की कॉफ़ी की विश्व भर में अधिक माँग है। इसकी कृषि की शुरुआत बाबा बुदान पहाड़ियों से हुई और आज भी इसकी खेती नीलगिरि की पहाड़ियों के आस पास कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में की जाती है।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से रोपण कृषि के संदर्भ में,दिये गये कथनों पर विचार करें?
- रोपण कृषि उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है।
- चाय उत्पादन की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान रखता है।
- चाय के मुख्य उत्पादक क्षेत्रों में असम एवं पश्चिमी बंगाल तथा तमिलनाडु और केरल शामिल हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर : (c)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - वर्तमान परिदृश्य में चाय में आयी गिरावट के प्रमुख कारण क्या हैं ? व्याख्या कीजिए। |