(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र- 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास व अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव) |
संदर्भ
चीन के स्टार्टअप डीपसीक ने अत्यधिक लागत-कुशल ‘डीपसीक आर1’ (Deepseek R1) कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) मॉडल विकसित किया है।
डीपसीक ए.आई. मॉडल के बारे में
- डीपसीक आर1 एक ओपन सोर्स लैंग्वेज ए.आई. मॉडल है जो अन्य उन्नत ए.आई. मॉडलों के समान ही सभी टेक्स्ट-आधारित कार्य कर सकता है।
- टेक्स्ट-आधारित कार्यों में प्रोग्रामिंग, ईमेल, गेम, वीडियो एडिटिंग, मैसेजिंग एवं मार्केटिंग इत्यादि शामिल होते हैं।
- यह मशीन लर्निंग एवं नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) द्वारा संचालित एक ए.आई. मॉडल है।
- यह मॉडल कंपनी के डीपसीक चैटबॉट को संचालित करता है जो ओपन ए.आई. के चैटजीपीटी एवं गूगल के जेमिनी ए.आई. मॉडल का प्रतिस्पर्धी है।
डीपसीक आर1 की प्रमुख विशेषताएँ
- अत्यंत लागत प्रभावी : डीपसीक ने डीपसीक-आर1 को मात्र 5.6 मिलियन डॉलर में प्रशिक्षित किया है जो अन्य एआई दिग्गजों द्वारा व्यय अरबों डॉलर की राशि की तुलना में बेहद कम है।
- Google Gemini की प्रशिक्षण लागत $191 मिलियन और OpenAI की GPT-4 की प्रशिक्षण लागत $100 मिलियन होने का अनुमान है।
- निम्न ऊर्जा उपभोग : इसे प्रशिक्षित करने में अन्य ए.आई. मॉडल की तुलना में अत्यधिक कम ऊर्जा की खपत की गई है।
- ए.आई. मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग होने वाले हजारों GPU डाटा केंद्रों में रखे जाते हैं जो कूलिंग के लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा व पानी की खपत करते हैं।
- संवादात्मक बुद्धिमत्ता : यह अन्य ए.आई. ऐप्स (जैसे- चैटजीपीटी) की तरह मानवीय भाषा में कमांड को समझता है, स्वीकार करता है और आउटपुट देता है।
- इसमें कई बुनियादी सुविधाएँ भी हैं, जैसे- प्रश्नों का उत्तर देना, दस्तावेजों को स्कैन करना, बहुभाषी समर्थन प्रदान करना आदि।
- गणित, तर्क एवं समस्या समाधान कौशल : इसे जटिल तार्किक कार्यों को करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है।
- ओपन-सोर्स उपलब्धता : इसका मतलब है कि अन्य डेवलपर्स अपने स्वयं के ए.आई. ऐप और टूल के विकास के लिए इस ए.आई. मॉडल का प्रयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं।
- जटिल कार्यों के लिए उच्च सटीकता : इसका तात्पर्य है कि यह विशेष जटिल अनुप्रयोगों के लिए एक उच्च-प्रदर्शन एआई मॉडल है।
डीपसीक आर1 की प्रमुख आलोचनाएँ
- डाटा गोपनीयता एवं सुरक्षा की कमी
- एकीकृत वेब खोज का अभाव
- चीन द्वारा डाटा चोरी की संभावना
- प्रशिक्षण एवं सुधार की आवश्यकता
भारत के लिए डीपसीक के निहितार्थ
- स्टार्ट अप्स के लिए : डीपसीक के लागत प्रभावी ए.आई. मॉडल की सफलता भारतीय स्टार्टअप्स के लिए अवसर व चुनौतियां दोनों प्रस्तुत करती है जिससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे।
- तकनीकी उद्योग के लिए : भारतीय स्टार्टअप अब बहुत कम लागत पर ए.आई. मॉडल बना सकते हैं जिससे ए.आई. प्लेटफॉर्म एवं मॉडल में लाखों डॉलर के निवेश की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
- इससे भारतीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा करने, लागत लाभ का फायदा उठाने और नए व स्वदेशी रूप से विकसित नवाचार मॉडल का उपयोग करने अवसर मिलेगा।
भारत में ए.आई. विनियमन की वर्तमान स्थिति
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने समय-समय पर भारत में ए.आई. के विनियन और उसे बढ़ावा देने के संबंध में सिफारिशें जारी की हैं। हालाँकि, ये सिफारिशें मुख्य रूप से अनुसंधान एवं विकास में अपर्याप्त सरकारी निवेश के कारण लागू नहीं हो पाई हैं।
आगे की राह
- विनियामक ढाँचे की स्थपाना : भारत को ए.आई. के लिए एक व्यापक विनियामक ढाँचा विकसित करना चाहिए जो डाटा सुरक्षा, गोपनीयता एवं दायित्व संबंधी मुद्दों को संबोधित करता हो।
- नवाचार को बढ़ावा : विनियामक ढाँचे को उपभोक्ताओं व व्यवसायों की सुरक्षा करते हुए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया जाना चाहिए।
- ए.आई. शोध एवं विकास में निवेश : इस निवेश को व्यवसायों व उपभोक्ताओं के लिए अत्याधुनिक एआई प्रौद्योगिकियों एवं किफायती ए.आई. समाधानों के विकास पर केंद्रित होना चाहिए।
- ए.आई. को अपनाने को बढ़ावा देना : यह ए.आई. को अपनाने वाले व्यवसायों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करने और ए.आई. कौशल में श्रमिकों को प्रशिक्षित करने के लिए शैक्षिक कार्यक्रम विकसित करने जैसी पहलों के माध्यम से किया जा सकता है।
- अन्य देशों के साथ सहयोग : यह सहयोग यह सुनिश्चित कर सकता है कि ए.आई. का उपयोग मानवता के लाभ के लिए किया जाए और वैश्विक ए.आई. बाज़ार में काम करने वाले व्यवसायों के लिए समान अवसर उपलब्ध हों।