New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

पराबैंगनी किरणों के द्वारा प्लास्टिक का निम्नीकरण 

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, बाथ विश्वविद्यालय (ब्रिटेन) के शोधकर्ताओं ने पराबैंगनी (UV) विकिरण के माध्यम से प्लास्टिक को निम्नीकृत करने की विधि विकसित की है।  

प्रमुख बिंदु

  • शोधकर्ताओ के अनुसार, पॉली लैक्टिक एसिड (PLA) में चीनी की कुछ मात्रा मिला देने के पश्चात् पराबैंगनी विकिरणों के संपर्क में आने से निम्नीकरण की दर में वृद्धि की जा सकती है। 
  • इस शोध में पी.एल.ए. में चीनी की 3% मात्रा को मिला कर के यू.वी. विकिरणों के संपर्क में लाया गया, जिसके परिणामस्वरूप यह मात्र छह घंटों में ही इसका 40%  निम्नीकरण हो गया।
  • विदित है कि यू.वी. विकिरणों का तरंगदैर्ध्य 10 नैनोमीटर से 400 नैनोमीटर तक होता है। इसका तरंगदैर्ध्य दृश्य प्रकाश की तुलना कम परंतु एक्स-रे की तुलना में अधिक होता है।

क्या है पॉली लैक्टिक एसिड

  • पी.एल.ए. को प्लास्टिक के एक विकल्प के रूप में विकसित किया गया है जो कच्चे तेल से बने पॉलिमर से निर्मित होता है और एक नवीकरणीय और टिकाऊ विकल्प है।
  • अधिकांश पॉली लैक्टिक एसिड लंबी बहुलक श्रृंखलाओं से बने होते हैं जिन्हें पानी और एंजाइमों से तोड़ना मुश्किल है।
  • इसका उपयोग डिस्पोजेबल कप और टीबैग्स से लेकर थ्री डायमेंशनल (3D) प्रिंटिंग और पैकेजिंग तक अनेकों वस्तु में किया जाता है।
  • हालांकि पी.एल.ए. का कभी-कभी बायोडिग्रेडेबल के रूप में प्रचार किया जाता है, लेकिन यह केवल उच्च तापमान और आर्द्रता की औद्योगिक कंपोस्टिंग स्थितियों के तहत ही उपचारित हो सकता है, न कि सामान्य आवासीय कचरे के ढेर में।
  • यह प्राकृतिक वातावरण, जैसे मृदा या समुद्र में भी आसानी से निम्नीकृत योग्य नहीं है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR