New
UPSC Foundation Course, Delhi & Prayagraj Centre | Call: 9555124124

दिल्ली उपराज्यपाल को नियुक्ति के पूर्ण अधिकार

प्रारंभिक परीक्षा

(राष्ट्रीय घटनाक्रम, भारतीय राजव्यवस्था)

हाल ही में, केंद्र सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल को दिल्ली महिला आयोग और दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड एवं आयोग का गठन करने के लिए पूर्ण अधिकार प्रदान किए हैं।

वर्तमान व्यवस्था 

  • वर्तमान में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन (संशोधित) अधिनियम, 2023 में दिल्ली के किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड एवं आयोग के सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार दिल्ली सरकार के पास न होकर, उपराज्यपाल के पास इन्हें नामित करने का अधिकार होता है और नियुक्ति को अंततः गृह मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दी जाती है।
  • यह कानून 7 अगस्त, 2023 को लागू हुआ था। इस कानून से पूर्व अधिकारियों के तबादले एवं नियुक्तियाँ राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (NCCSA) द्वारा की जाती थी। 
    • इस पैनल की अध्यक्षता दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा की जाती थी और दिल्ली सरकार के दो वरिष्ठ नौकरशाह इसके सदस्य होते थे।

हालिया परिवर्तन 

  • गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 की धारा 45D के साथ पठित संविधान के अनुच्छेद 239 के खंड (1) के अनुसरण मे, राष्ट्रपति एतद्द्वारा निर्देश देते हैं कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल राष्ट्रपति के नियंत्रण के अधीन रहते हुए और अगले आदेश तक उक्त अधिनियम की धारा 45D के खंड (a) के तहत राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग किसी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय के गठन के लिए करेंगे, चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाए, या ऐसे प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय में किसी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति के लिए करेंगे।‘
  • इसका अर्थ यह है कि उपराज्यपाल राष्ट्रपति की अनुमति के बिना सीधे नियुक्तियां कर सकते हैं।
  • हालांकि, इससे नियुक्तियों पर कोई विशेष प्रभाव नहीं होगा किंतु इससे केंद्र में सत्तारूढ़ दल को अधिक शक्ति मिलने का संकेत मिलता है।
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR