चर्चा में क्यों
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) के शोधकर्ताओं ने माँग-आपूर्ति बेमेल सूचकांक (Demand- Supply Mismatch Index) का निर्माण किया है।
प्रमुख बिंदु
- यह सूचकांक मुद्रास्फीति के आकलन हेतु प्रयुक्त की जाने वाली पारंपरिक विधियों की तुलना में मुद्रास्फीति का बेहतर अनुमान लगा सकता है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार यह हेडलाईन मुद्रास्फीति के साथ सकारात्मक रूप से सह-संबंधित है।
- माँग तथा आपूर्ति कारक कीमतों को अलग-अलग तरीकों से प्रभावित करते हैं एक और जहाँ माँग जनित आघात से जल्दी से निपटा जा सकता है वहीं आपूर्ति पक्ष से संबंधित मुद्दों लंबे समय तक विद्यमान रहते हैं।
- हालाँकि भारतीय रिज़र्व बैंक मुद्रास्फीति के अनुमान के लिये इसका उपयोग कब से करेगा इस संदर्भ में कोई सूचना नहीं दी गयी है।