(प्रारंभिक परीक्षा के लिये – के-9 वज्र, धनुष, M777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर, पिनाका मल्टीरॉकेट लॉन्च सिस्टम (MRLS), उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम)
(मुख्य परीक्षा के लिये,सामान्य अध्यन प्रश्नपत्र:3 - सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन, देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास)
सन्दर्भ
- मई 2020 में चीन के साथ गतिरोध के बाद से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता बढाने के लिये मध्यम दूरी की तोपखाने की पूरी रेंज और लंबी दूरी के रॉकेट की तैनाती कर दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत सरकार 100 K-9 वज्र हॉवित्जर की खरीद की प्रक्रिया में है, जिसे पहले ही स्वीकृत किया जा चुका है।
- सरकार विंटराइजेशन किट भी खरीद रही हैं, इसमें एक विशिष्ट तेल, लुब्रिकेंट, हीटिंग सिस्टम और बंदूक के फायर और कंट्रोल सिस्टम में छोटे बदलाव शामिल हैं ,जो कि के-9 'वज्र' गन सिस्टम को उप-शून्य तापमान में काम करने में सक्षम बनाता है।
- धनुष , K9 वज्र और M777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर(ULH) की तैनाती से तोपखाने की गोलाबारी की क्षमता में वृद्धि हुयी है।
- भारत सरकार की योजना 2040 तक अपनी सभी तोपखाना रेजीमेंटों को 155 मिलीमीटर मानक में परिवर्तित करके इन्हें मध्यम श्रेणी में बदलने की है।
- सरकार उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, जिसे आमतौर पर एटीएजीएस और माउंटेड गन सिस्टम (एमजीएस) के रूप में जाना जाता है, की भी खरीद की प्रक्रिया में है।
- अधिक उन्नत पिनाका हथियार प्रणालियों को शामिल करने की भी प्रक्रिया चल रही है।
- नई पिनाका रेजिमेंट इलेक्ट्रॉनिक और यांत्रिक रूप से बेहतर हथियार प्रणाली से लैस होगी, जो लंबी दूरी तक विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद को फायर करने में सक्षम होगी।
- जमीन आधारित निगरानी की अपनी सीमाएं हैं, इसलिए भारत सरकार 15-20 किलोमीटर की रेंज वाले यूएवी तथा 80 किलोमीटर तक की रेंज में निगरानी करने की क्षमता रखने वाले यूएवी खरीदने पर विचार कर रही है। जो ऊर्ध्वाधर टेकऑफ़ और लैंडिंग में सक्षम है।
- इसके अलावा, तोपखाने की रेजिमेंट ऑब्जर्वेशन पोस्ट (ओपी) अधिकारियों को बेहतर सटीक फायर पॉवर के लिए और हमले के बाद क्षति आकलन करने के लिए सामरिक यूएवी की खरीद भी की जा रही है।
के-9 वज्र
- के-9 वज्र 52 कैलिबर और 155 मिलीमीटर वाला एक स्वचालित टैंक है।
- इसकी मारक क्षमता 40 किलोमीटर है।
- के-9 वज्र तोप दक्षिण कोरियाई हॉवित्जर के-9 थंडर का भारतीय संस्करण है।
- यह तोप जीरो रेडियस पर चारों तरफ घूमकर हमला कर सकती है।
- 50 टन वजनी इस तोप से 47 किलो तक का गोला दागा जा सकता है।
- यह 15 सेकेंड में तीन गोले दागने में सक्षम है।
धनुष
- यह 45 कैलिबर और 155 मिलीमीटर की स्वचालित तोप है।
- यह बोफोर्स की तकनीक पर आधारित है, जिसे जबलपुर के ऑर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाया है।
- धनुष की मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है।
- यह तोप एक घंटे में 42 राउंड फायर करने में सक्षम है।
- यह दिन में ही नहीं बल्कि रात में भी सटीक निशाना लगा सकती है।
- धनुष तोप दूर तक मार कर सकती है और मुश्किल से मुश्किल रास्तों पर भी आसानी से चल सकती है।
- 13 टन से भी कम वजन की होने के कारण इस तोप को आसानी से किसी भी दुर्गम इलाके तक ले जाया जा सकता है।
M777 अल्ट्रा लाइट हॉवित्जर
- M777 39 कैलिबर और 155 मिलीमीटर वाली एक आर्टिलरी गन है।
- इसका वजन सिर्फ चार टन है और इसे चिनूक हेलीकॉप्टर से भी एयरलिफ्ट किया जा सकता है।
- इसकी मारक क्षमता 24 किलोमीटर है।
उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम(ATAGS)
- यह 52 कैलिबर और 155 मिलीमीटर की एक होवित्ज़र तोप है।
- इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।
- यह माइनस 3 डिग्री से लेकर प्लस 75 डिग्री तक एलिवेशन ले सकता है। इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है।
- इसमें उच्च गतिशीलता, त्वरित तैनाती, सहायक पावर मोड, उन्नत संचार प्रणाली, स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली के साथ रात में सीधे फायर मोड में फायरिंग क्षमता की उन्नत विशेषतायें हैं।
पिनाका मल्टीरॉकेट लॉन्च सिस्टम (MRLS)
- पिनाका एक मल्टी-बैरल रॉकेट-लॉन्चर (MBRL) प्रणाली है, जो 44 सेकंड की अवधि में 12 रॉकेटों को दागने में सक्षम है।
- पिनाका रॉकेट लॉन्चर को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है।
- इसके तीन वेरिएंट में से MK-1 वेरिएंट की रेंज 45 किमी, MK-2 वेरिएंट की 90 किलोमीटर और सबसे उन्नत माने जाने वाले MK-3 वेरिएंट की रेंज 120 किलोमीटर है।
- पिनाका रॉकेट की गति करीब 5757 किलोमीटर प्रति घंटा है।
- पिनाका का नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है।
- पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाये जा सकते है।
मानव रहित विमान(युएवी)
- मानव रहित विमान (unmanned aerial vehicle) एक प्रकार का विमान है, जिसे सैन्य अभियानों में शत्रु क्षेत्र की टोह लेने एवं आवश्यकता पड़ने पर आक्रमण करने के लिये उपयोग मे लाया जाता है।
- इन विमानों को रिमोट कंट्रोल के द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
- इन्हें किसी मानव चालक की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है। अपनी इस विशेषता के कारण ही यह टोही विमान के रूप अत्याधिक उपयोग मे लाये जाते हैं।
- इन विमानों को ड्रोन विमान भी कहा जाता है।
- ड्रोन और प्रक्षेपास्त्र दोनो ही रिमोट द्वारा संचालित होते है, पर इन दोनों मे मुख्य अंतर यह है की जहाँ मानव रहित विमान को पुनः उपयोग मे लाया जा सकता है, वहीं प्रक्षेपास्त्र केवल एक बार के उपयोग के लिये ही होता है।