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वायु गुणवत्ता का गिरता स्तर

चर्चा में क्यों

हाल ही में, दिल्ली का ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक’ (AQI) सबसे खराब (Severe) स्तर पर पहुँच गया था। इस स्थिति से निपटने के लिये ‘ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान’ (GRAP) के तहत कुछ आपातकालीन कदम उठाए गए हैं।

ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान (GRAP)

  • यह वायु प्रदूषण की स्थिति से निपटने के लिये आपातकालीन उपायों का समुच्चय है। इन्हें केंद्रीय ‘पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय’ द्वारा वर्ष 2017 में अधिसूचित किया गया था।
  • इसके तहत निर्माण गतिविधियों पर रोक लगाना, ऑड-ईवन प्रारूप में वाहन संचालन की अनुमति जैसे कदम उठाए जाते हैं।
  • हाल ही में, ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ (CAQM) के अंतर्गत एक उप-समिति गठित की गई थी। इसने ग्रैप उपायों के मद्देनज़र वाहनों के उपयोग में 30% तक की कमी लाने का सुझाव दिया था।

वायु गुणवत्ता में गिरावट के तात्कालिक कारण

  • दीपावली के दौरान पटाखों का दहन, दिल्ली एन.सी.आर. व आस-पास के क्षेत्रों में पराली दहन इत्यादि। इस दौरान पी.एम.-2.5 की वृद्धि में पराली दहन का करीब 35% योगदान रहा।
  • तापमान में कमी, सतह पर स्थानीय वायु की गति में वृद्धि ने भी वायु प्रदूषण के बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाई।

सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • केंद्र व राज्य स्तर पर ‘प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स’ का गठन।
  • ‘वायु गुणवत्ता सूचकांक’ (AQI) का शुभारंभ।
  • ‘ग्रेडेड रेस्पोंस एक्शन प्लान’ (GRAP) लॉन्च।
  • ‘सफर’ (System of Air Quality and Weather Forecasting and Research) की शुरुआत।
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