(सामान्य अध्ययन, प्रश्नपत्र- 2 : महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियाँ)
संदर्भ
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू. टी. ओ.) के माध्यम से अमेरिका का फायदा उठाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर बीजिंग को 'विकासशील देश' माना जाता है, तो अमेरिका को भी एक विकासशील देश कहा जाना चाहिये।
पृष्ठभूमि
यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस तरह का आरोप लगाया है। जुलाई 2019 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन तथा भारत जैसे विकासशील देशों द्वारा “स्व-घोषित विकासशील देश के दर्जे” के तहत विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू. टी. ओ.) में ‘विशेष और अंतर उपचार प्रावधानों’ (एस. एंड डी. टी.) के रूप में प्राप्त विशेष लाभों पर आपत्ति जताई थी। उनकी राय में जो देश विश्व व्यापार संगठन में “विकासशील” देश की श्रेणी में आते हैं, अब उनकी तेज़ी से आर्थिक विकास एवं उन्नति के कारण विशेषाधिकारों को प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं।
विकासशील देश के लाभों से सम्बंधित यह मुद्दा ऐसे समय में उठाया गया था जब अमेरिका तथा चीन बाज़ार पहुँच, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण से संबंधित मामलों पर आम सहमति बनाने में संघर्ष कर रहे थे। दूसरी ओर, भारत ट्रम्प प्रशासन द्वारा मार्च, 2019 में सामान्यीकृत वरीयता प्रणाली (जी. एस. पी.) कार्यक्रम के तहत लाभार्थी देश के रूप में नई दिल्ली का दर्जा वापस लेने के बाद अपने निर्यात में आ रही असफलताओं से उबरने की कोशिश कर रहा था।
विकसित एवं विकासशील देशों का वर्गीकरण
विकासशील देश की स्थिति के लाभ
चीन क्या एक विकासशील देश?
इस प्रकार, विश्व व्यापार संगठन में विकासशील देश का दर्जा खोना न केवल इन देशों में आर्थिक परिवर्तन की प्रक्रिया को बाधित करेगा, बल्कि उनकी अर्थव्यवस्थाओं में और अधिक विकृतियां पैदा करेगा। विकासशील देशों के विशिष्ट बातचीत में दावे को आगे बढ़ाने हेतु लचीला दृष्टिकोण, नए गठबंधन और एजेंडा-निर्धारित करने की स्थिति अपनानी चाहिए। इस प्रकार, विश्व व्यापार संगठन में अपने एस. एंड डी.टी. का दर्जा छोड़ने वाले देशों से संबंधित स्थिति के मुद्दे को न केवल मात्रात्मक आंकड़ों पर विचार करना चाहिए, बल्कि विभिन्न राजनीतिक-आर्थिक विचारों को भी ध्यान में रखना चाहिए।
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