भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) देवगिरी किले में लगी आग की जाँच कर रहा है। भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ही इस किले के संरक्षण के लिए जिम्मेदार है जो प्राचीन स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत अपनी गतिविधियों का विनियमन करता है।

देवगिरी किले के बार में मुख्य बिंदु
- अवस्थिति : महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में स्थित
- देवगिरी किले को दौलताबाद का किला भी कहते हैं।
- निर्माण : 12वीं शताब्दी में यादव वंश के शासक भील्लम पंचम द्वारा
- राजनीतिक महत्त्व : दिल्ली सल्तनत की राजधानी रहने के साथ-साथ बहमनी सल्तनत, अहमदनगर सल्तनत, मुगल साम्राज्य एवं हैदराबाद के निजामों के अधीन रहा।
- 1327 में मुहम्मद बिन तुगलक ने इसे दौलताबाद का नाम दिया और अपनी राजधानी दिल्ली से यहाँ स्थानांतरित की थी।
- प्रमुख ऐतिहासिक संरचनाएँ : चंद मीनार, बरादरी, चीनी महल, रंग महल एवं भारत माता मंदिर
- बरादरी : मुगल सम्राटों का पसंदीदा ग्रीष्मकालीन निवास
- तीन परकोटे : कालकोट, महाकोट एवं अंबरकोट
- विशिष्टता : किले की रणनीतिक अवस्थिति एवं वास्तुकला के कारण महाराष्ट्र के सात आश्चर्यों में से एक माना जाता है।