प्रारंभिक परीक्षा – देवेंद्र फड़नवीस मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2 |
चर्चा में क्यों
जापान के कोयासन विश्वविद्यालय ने 26 दिसंबर, 2023 को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की।
प्रमुख बिंदु
- यह एक ऐसा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है जिसका इतिहास 1,200 साल पुराना है।
- डॉक्टरेट की मानद उपाधि बुनियादी ढांचे के विकास, समुदाय-आधारित पहल महाराष्ट्र में समानता और सामाजिक प्रचार के प्रति समर्पण के लिए प्रदान किया गया।
- अगस्त,2023 में कोयासन विश्वविद्यालय ने जल युक्त शिवार पहल (Jal Yukt Shivar) के माध्यम से जल संरक्षण (water conservation) में देवेंद्र फड़नवीस के सराहनीय प्रयासों और राज्य में सामाजिक समानता के प्रति उनके योगदान को स्वीकार करते हुए मानद डॉक्टरेट की उपाधि देने का निर्णय किया था।
- कोयासन विश्वविद्यालय में फड़नवीस ने 2015 में डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की एक प्रतिमा का अनावरण किया था।
- एक आधुनिक शैक्षिक प्रणाली के रूप में कोयासन की स्थापना 120 साल पहले हुई थी, लेकिन इस संस्था का इतिहास पुराना है।
- कुकई (जापानी संत) ने 9वीं शताब्दी ईस्वी में कोयासन विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
- भारत में आदि शंकराचार्य ने हिंदू धर्म को आगे बढ़ाया वैसे ही संत कुकाई ने बौद्ध धर्म को जापान में राष्ट्रीय धर्म के रूप में प्रतिष्ठित किया
- संत कुकई कोयासन में रहते थे।
- कोयासन जापान में सबसे प्रतिष्ठित शैक्षिक प्रणालियों में से एक है
- इसके अस्तित्व के 1,200 वर्षों में यह विश्वविद्यालय द्वारा किसी को दी गई पहली मानद डॉक्टरेट डिग्री है।
प्रश्न: हाल ही में किस भारतीय को जापान के कोयासन विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की?
(a) देवेंद्र फड़नवीस
(b) योगी आदित्यनाथ
(c) हिमन्त बिश्व शर्मा
(d) पुष्कर धामी
उत्तर: (a)
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स्रोत: the hindu