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धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान

(प्रारंभिक परीक्षा: सरकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम)

चर्चा में क्यों 

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग से  550 जिलों के आदिवासी बहुल गाँवों में बुनियादी ढाँचे से संबंधित योजनाओं को पूर्ण करने के लिए ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का शुभारंभ किया। 

अभियान के बारे में 

  • झारखंड में धरती आबा पद का उपयोग भगवान बिरसा मुंडा के लिए किया जाता है जो उपनिवेशवाद विरोधी आदिवासी नेता थे। 
  • धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का लक्ष्य : भारत सरकार के 17 मंत्रालयों द्वारा अभिसरण एवं पहुँच के माध्यम से कार्यान्वित 25 हस्तक्षेपों द्वारा सामाजिक बुनियादी ढाँचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को समाप्त करना है।  
    • यह जनजातीय क्षेत्रों व समुदायों का समग्र एवं सतत विकास सुनिश्चित करने पर बल देता है।
  • इस अभियान को मूल रूप से पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएम-जुगा) के रूप में जाना जाता है। 
    • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इसे 63,000 अनुसूचित जनजाति बहुल गाँवों में मौजूदा योजनाओं को लागू करने के लिए एक व्यापक पैकेज के रूप में मंजूरी दी थी।

विशेषताएँ 

  • अभियान के तहत आदिवासी परिवारों को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपने घरों को होमस्टे में बदलने के लिए 5 लाख रुपये तक की राशि दी जाएगी। 
  • इसमें वन अधिकार अधिनियम के तहत सभी अधिकार धारकों को टिकाऊ कृषि पद्धतियों का प्रशिक्षण देना भी शामिल है। 
  • इसका उद्देश्य मौजूदा योजनाओं का लाभ उठाकर जनजातीय परिवारों के लिए 20 लाख पक्के घर का निर्माण, जनजातीय -बहुल गांवों को जोड़ने वाली 25,000 किमी. सड़कें बनाना और 20 से कम घरों वाले 5,000 बस्तियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रत्येक पात्र गाँव में पाइप से जल पहुँचाना है।
  • इसके अन्य घटकों में शामिल हैं : 
    • लगभग 2.35 लाख घरों एवं असंबद्ध सार्वजनिक संस्थानों का विद्युतीकरण
    •  25 लाख एल.पी.जी. कनेक्शन
    •  भारतनेट परियोजना के तहत 5,000 आदिवासी गाँवों में अबाधित ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी लाना
    •  100 आदिवासी बहुउद्देश्यीय विपणन केंद्र स्थापित करना
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