प्रारंभिक परीक्षा - मधुमेह मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र 2 : स्वास्थ्य |
सन्दर्भ
- हाल ही में, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च-इंडिया मधुमेह (ICMR-INDAB) द्वारा भारत की मेटाबोलिक गैर-संचारी रोग स्वास्थ्य रिपोर्ट (Metabolic Non Communicable Disease Health Report of India) जारी की गयी।
महत्वपूर्ण तथ्य
- इस क्रॉस-सेक्शनल जनसंख्या-आधारित सर्वेक्षण में 31 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से 20 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के प्रतिनिधि नमूने का आकलन किया गया।
- रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 11% आबादी मधुमेह से पीड़ित है जबकि 15.3% आबादी पूर्व मधुमेह (Pre-Diabetes) से प्रभावित है।
- शहरी भारत में 16.4% जबकि ग्रामीण आबादी में 8.9% जनसंख्या मधुमेह से पीड़ित है।
- शहरी आबादी का लगभग 15.4% और ग्रामीण भारत का 15.2% प्री-डायबिटिक चरण में हैं।
- सभी 31 राज्यों में जनसंख्या के एक यादृच्छिक नमूने में पाया गया कि उत्तर प्रदेश में मधुमेह का प्रसार सबसे कम 4%, जबकि गोवा में सबसे अधिक 26.4% था।
- अध्ययन के परिणाम संबंधित राज्य सरकार के साथ साझा किए जाएंगे ताकि वे जनसंख्या के स्वास्थ्य में सुधार के लिए नीतियां बना सकें।
- वर्ष 1972 के बाद से, देश में मधुमेह के प्रसार पर ICMR का कोई अध्ययन नहीं हुआ है।
- उस समय, शहरी भारत में 2.3% था और ग्रामीण भारत में 1.5% जनसंख्या मधुमेह से पीड़ित थी।
- यह अध्ययन पूरे देश में वर्ष 2008 और 2020 के बीच पांच चरणों में किया गया था, जिसमें प्रत्येक चरण में पांच राज्यों को शामिल किया गया था (सभी सात पूर्वोत्तर राज्यों को एक चरण में कवर किया गया था)।
- 20 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 1.24 लाख व्यक्तियों को डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में शामिल किया गया था।
मधुमेह
- मधुमेह एक ऐसी बीमारी है यह तब होती है जब ब्लड ग्लूकोज (रक्त शर्करा) की मात्रा, रक्त में आवश्यकता से बहुत अधिक हो जाती है।
- यह एक दीर्घकालिक स्वास्थ्य स्थिति है जो शरीर द्वारा भोजन को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को प्रभावित करती है।
मधुमेह शरीर को कैसे प्रभावित करता है?
- शरीर हमारे द्वारा खाए जाने वाले अधिकांश भोजन को ग्लूकोज में तोड़कर हमारे रक्तप्रवाह में छोड़ देता है।
- ग्लूकोज हमारे शरीर में ऊर्जा का मुख्य स्रोत है परंतु जब रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है, तो हमारा मस्तिष्क अग्न्याशय को इंसुलिन रिलीज करने का संकेत देता है।
- इंसुलिन अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं द्वारा स्रावित एक हार्मोन है जो ग्लूकोज की सही मात्रा को हमारी कोशिकाओं तक पहुंचाने में मदद करता है ताकि कोशिकाएँ इसका उपयोग ऊर्जा के लिए कर सकें।
- अर्थात, इंसुलिन हार्मोन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिये जिम्मेदार है।
- मधुमेह की स्थिति में शरीर पर्याप्त इंसुलिन या इंसुलिन ही नहीं बनाता है, अथवा उपलब्ध इंसुलिन का उपयोग ठीक से नहीं करता है।
- ऐसे में ग्लूकोज की मात्रा रक्त में अधिक हो जाती है और यह हमारी कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता है।
- मधुमेह आंखों, गुर्दे, नसों और हृदय को नुकसान पहुंचाने का जोखिम बढ़ाता है।
मधुमेह के प्रकार
- मधुमेह मुख्य रूप से निम्नलिखित 3 प्रकार का होता है -
-
- टाइप 1 मधुमेह
- टाइप 2 मधुमेह
- गर्भावस्थाजन्य मधुमेह (Gestational Diabetes)
टाइप 1 मधुमेह
- टाइप 1 मधुमेह को ‘चाइल्डहुड डायबिटीज़’ भी कहते हैं।
- टाइप 1 मधुमेह एक ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया के कारण होता है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, इंसुलिन हार्मोन का स्राव करने वाली अग्न्याशय की बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।
- आनुवंशिक कारक भी इसके लिये जिम्मेदार हो सकते हैं।
- टाइप 1 मधुमेह से मुख्यत: बच्चे और किशोर प्रभावित होते हैं। यह टाइप 2 की तुलना में बहुत अधिक गंभीर होता है, क्योंकि पीड़ित के शरीर में इंसुलिन का निर्माण नहीं होता है और यदि वह इंसुलिन लेना बंद कर दे तो उसकी मृत्यु कुछ ही हफ़्तों में हो सकती है।
- टाइप 1 मधुमेह को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करके शर्करा के स्तर को नियंत्रित करके इसका सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है।
लक्षण
- इससे प्रभावित बच्चों में प्राय: बार-बार पेशाब आने और अत्यधिक प्यास लगने के गंभीर लक्षण प्रकट होते हैं और उनमें से लगभग एक-तिहाई को ‘डायबिटिक कीटोएसिडोसिस’ हो जाता है।
- डायबिटिक कीटोएसिडोसिस, एक गंभीर स्थिति है, जिसमें शरीर में कीटोन्स की सांद्रता उच्च हो जाती है।
- कीटोन्स अणु का निर्माण तब होता है, जब शरीर ऊर्जा के लिये ग्लूकोज का अवशोषण करने में सक्षम नहीं होता है और इसके बजाए वसा को तोड़ना शुरू कर देता है।
टाइप 2 मधुमेह
- टाइप 2 मधुमेह, मधुमेह का सबसे आम प्रकार है।
- इसमें में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं करती हैं।
- अग्न्याशय से इंसुलिन का निर्माण तो होता है परंतु इसकी मात्रा कम होती है यह हमारे रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य श्रेणी में रखने के लिए पर्याप्त नहीं होता।
- यदि किसी के पास जोखिम कारक हैं, जैसे अधिक वजन या मोटापा, और बीमारी का पारिवारिक इतिहास, तो उसे टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की अधिक संभावना है।
- टाइप 2 मधुमेह किसी भी उम्र में विकसित हो सकता हैं
गर्भावस्थाजन्य मधुमेह
- गर्भावस्थाजन्य मधुमेह एक प्रकार का मधुमेह है, जो गर्भावस्था के दौरान विकसित होता है।
क्या होती है पूर्व मधुमेह (Pre-Diabetes) की स्थिति?
- Pre-Diabetes वाले लोगों में रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है, लेकिन यह टाइप 2 मधुमेह में पाई जाने वाली रक्त शर्करा के स्तर से कम होता है।
- यदि आपको Pre-Diabetes है, तो आपको भविष्य में टाइप 2 मधुमेह होने का अधिक खतरा है। साथ ही, सामान्य ग्लूकोज स्तर वाले लोगों की तुलना में हृदय रोग का खतरा भी अधिक होता है।