संदर्भ
पानी में डूबने से होने वाली संदिग्ध मौतों की जाँच के लिये डायटम परीक्षण किया जाता है। किसी व्यक्ति को मारकर पानी में फेक दिये जाने की स्थिति में आपराधिक जाँच के लिये यह परीक्षण आवश्यक है।
क्याहोता है डायटम?
- डायटम वस्तुतः प्रकाश संश्लेषी शैवाल हैं, जो ताज़े व समुद्री जल, मिट्टी एवं नमी वाले लगभग हर जलीय वातावरण में पाए जातेहैं।
- ध्यातव्य है कि डूबने से होने वाली मौत की जाँच को फॉरेंसिक पैथोलॉजी में एक मुश्किल कार्य माना जाता है,ऐसे में शरीर में डायटम के परीक्षण से मौत के निष्कर्षों तक पहुँचा जा सकता है।
- यदि किसी व्यक्ति की मौत डूबने से हुई है, तो उस जल निकाय में पाए जाने वाले डायटम उस व्यक्ति के शरीर के कई हिस्सों में मिलेंगे।साथ ही, फॉरेंसिक विशेषज्ञ शरीर से पाए गए डायटम और जल निकाय से प्राप्त नमूनों के बीच संबंधों की भी जाँच करते हैं।
डायटम टेस्ट के पीछे का विज्ञान
- जल निकायों से प्राप्त शवों के मामलों में आवश्यक नहीं है कि संबंधित व्यक्ति की मृत्यु डूबने से ही हुई हो। यदि व्यक्ति पानी में प्रवेश करने से पूर्व जीवित हैतो डूबने के दौरान श्वास लेने से डायटम पानी के माध्यम से फेफड़ों में प्रवेश कर जाता है।
- यदि डूबते समय व्यक्ति खाँसकर पानी को निकालने की कोशिश करता है तो फेफड़े में दरार आ जाती है। इस कारण ये डायटम फेफड़े (Lungs) से निकल कर रक्त में मिल जाते हैंऔर रक्त परिसंचरण द्वारा मस्तिष्क, वृक्क (Kidney) और अस्थि मज्जा (Bone Marrow) सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुँच जाते हैं।
- यदि किसी मृत व्यक्ति को पानी में फेंक दिया जाता है तो रक्त परिसंचरण के अभाव में शरीर के विभिन्न अंगों में डायटम कोशिकाओं का परिवहन नहीं हो पाता है।
- डायटम विश्लेषण का परिणाम तभी पॉज़िटिव माना जाता है, जब शरीर में पाए जाने वाले डायटम की संख्या न्यूनतम सीमा से अधिक हो।
डायटम परीक्षण की विश्वसनीयता
- डायटम परीक्षण को विश्वसनीय माना जाता है। हालाँकि, यदि व्यक्ति ने अपनी मृत्यु से पूर्व उस जल स्रोत से पानी पिया है तो उसके शरीर में डायटम पहले से उपस्थित होने के कारण इसकी विश्वनीयता पर संदेह हो सकता है।
- इसके अतिरिक्त, यदि व्यक्ति की मौत पानी में गिरने के तुरंत बाद हो गई हैतो भी परीक्षण का परिणाम नेगेटिव आएगा, क्योंकि ऐसी स्थिति में रक्त का परिसंचरण शरीर के हिस्सों तक नहीं हो पाएगा।