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डिजिटल कृषि मिशन

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी। 

डिजिटल कृषि मिशन

  • इस मिशन की परिकल्पना डिजिटल कृषि पहलों का समर्थन करने वाली एक व्यापक योजना के रूप में की गई है
  • इस मिशन का उद्देश्य किसानों और कृषि क्षेत्र के हितधारकों के लिए सेवा वितरण तंत्र को ज्यादा कुशल और पारदर्शी बनाना है। 
  • इसका कुल परिव्यय 2817 करोड़ रुपये होगा -
    • इसमें से 1,940 करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा तथा शेष राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रदान किए जाएंगे।
  • इस मिशन का उद्देश्य एक तकनीक-आधारित पारिस्थितिकी तंत्र, डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण बनाना भी है
    • यह वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए फसल-कटाई प्रयोगों के आधार पर उपज का अनुमान देगा। 
    • इससे कृषि उत्पादन का सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा 
  • इस मिशन के तहत 3 डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण किया जायेगा - 
    1. एग्रीस्टैक
    2. कृषि निर्णय सहायता प्रणाली 
    3. मृदा प्रोफाइल मैपिंग

एग्रीस्टैक 

  • यह किसानों को कुशल, आसान, तेज़ सेवाएं और योजनाएं प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। 
  • इसे केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न एजेंसियों के बीच एक सहयोगी परियोजना के रूप में एक संघीय ढांचे में बनाया जा रहा है। 
  • इसमें कृषि क्षेत्र की तीन मूलभूत रजिस्ट्री या डेटाबेस शामिल हैं – 
    • किसान रजिस्ट्री, भू-संदर्भित गांवों के नक्शे और बोई गई फसल की रजिस्ट्री। 
  • एग्रीस्टैक के अंतर्गत किसानों को आधार के जैसी ही एक डिजिटल पहचान (किसान आईडी) दी जाएगी जो एक भरोसेमंद 'किसान की पहचान' होगी। 
  • ये ‘किसान आईडी’ राज्य के भूमि अभिलेखों, पशुधन स्वामित्व, बोई गई फसलों, जनसांख्यिकीय विवरण, पारिवारिक विवरण, योजनाओं और प्राप्त लाभों आदि से गतिशील ढंग से जुड़ी होगी। 
    • किसान आईडी बनाने के लिए पायलट परियोजनाएं निम्नलिखित छह जिलों में चलाई गई हैं – 
      1. फर्रुखाबाद ( उत्तर प्रदेश)
      2. गांधीनगर (गुजरात)
      3. बीड ( महाराष्ट्र)
      4. यमुनानगर (हरियाणा)
      5. फतेहगढ़ साहिब (पंजाब) 
      6. विरुधुनगर ( तमिलनाडु) 
  • किसानों द्वारा बोई गई फसलों को मोबाइल आधारित जमीनी सर्वेक्षण यानी प्रत्येक मौसम में आयोजित किए जाने वाले डिजिटल फसल सर्वेक्षण के जरिए दर्ज किया जाएगा। 

कृषि निर्णय सहायता प्रणाली 

  • यह फसलों, मिट्टी, मौसम, जल संसाधनों आदि पर रिमोट सेंसिंग आधारित जानकारी को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक भू-स्थानिक प्रणाली बनाएगी।

मृदा प्रोफाइल मैपिंग

  • इस मिशन के अंतर्गत, देश की लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि का  विस्तृत मृदा प्रोफाइल मानचित्र तैयार किया जायेगा  

प्रश्न - उत्तर प्रदेश के किस जिले में डिजिटल कृषि मिशन के तहत किसान आईडी बनाने के लिए पायलट परियोजना चलाई जा रही है ?

(a) वाराणसी 

(b) अयोध्या 

(c) बाराबंकी 

(d) फर्रुखाबाद

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