New
IAS Foundation Course (Prelims + Mains): Delhi & Prayagraj | Call: 9555124124

डिजिटल कृषि मिशन

संदर्भ 

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि क्षेत्र में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के निर्माण के लिए पायलट परियोजना के आधार पर डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है।

  • सरकार ने वर्ष 2023-24 और 2024-25 के केंद्रीय बजट में कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण की घोषणा की थी।

डिजिटल कृषि मिशन के बारे में 

  • यह मिशन डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने, डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (DGCES) को लागू करने और सरकारी निकायों एवं अनुसंधान संस्थानों द्वारा आईटी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।
    • डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (DGCES) : यह मौजूदा फसल उपज अनुमान प्रणाली को बेहतर बनाने तथा आंकड़ों को अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इससे भारत के कृषि उत्पादन अनुमानों की सटीकता से संबंधित समस्याओं का समाधान होगा।
  • इस मिशन का उद्देश्य किसानों के बारे में प्रमाणित जनसांख्यिकीय विवरण, भूमिगत जोत एवं बोई गई फसलों सहित एक व्यापक व उपयोगी डाटा प्रदान करना है।
  • इसके तहत अगले तीन वर्षों में सरकार द्वारा लगभग 11 करोड़ किसानों की डिजिटल पहचान बनाई जाएगी।
  • इससे कृषि क्षेत्र में किसान-केंद्रित नवीन डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा जोकि विकसित भारत@2047 के विजन के अनुरूप होंगे।

मिशन के घटक 

  • डिजिटल कृषि मिशन के तहत डी.पी.आई. के तीन प्रमुख घटक हैं : एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) एवं मृदा प्रोफ़ाइल मानचित्र। 
  • एग्रीस्टैक : इसके अंतर्गत तीन आधारभूत कृषि रजिस्ट्रियां में किसानों की रजिस्ट्री, भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र और बोई गई फसल की रजिस्ट्री शामिल होगी ।  
    • किसानों की रजिस्ट्री : किसानों को आधार के समान एक डिजिटल ‘किसान आईडी’ प्रदान की जाएगी, जिसे भूमि रिकॉर्ड, पशुधन स्वामित्व, बोई गई फसल, जनसांख्यिकीय विवरण, पारिवारिक विवरण, योजनाओं व प्राप्त लाभों आदि से जोड़ा जाएगा। रजिस्ट्री बन जाने पर किसान विभिन्न लाभ व सेवाओं तक पहुंचने के लिए डिजिटल रूप से अपनी पहचान एवं प्रमाणीकरण कर सकेंगे।
    • बोई गई फसल की रजिस्ट्री : बोई गई फसल की रजिस्ट्री किसानों द्वारा बोई गई फसलों का विवरण प्रदान करेगी जिससे प्रत्येक फसल सीजन में डिजिटल फसल सर्वेक्षण, मोबाइल-आधारित ग्राउंड सर्वेक्षण के माध्यम से जानकारी दर्ज की जाएगी।
    • भू-संदर्भित ग्राम मानचित्र : ये मानचित्र भूमि अभिलेखों पर भौगोलिक जानकारी को उनके भौतिक स्थानों के साथ जोड़ेंगे।
  • कृषि निर्णयन समर्थन प्रणाली (DSS) : इसके अंतर्गत फसल, मृदा, मौसम एवं जल-संसाधनों आदि पर सुदूर संवेदन-आधारित जानकारी को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक भू-स्थानिक प्रणाली बनाई जाएगी।
    • यह जानकारी फसल बुवाई पैटर्न की पहचान करने, सूखे/बाढ़ की निगरानी करने तथा किसानों द्वारा फसल बीमा दावों के निपटान के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपज आकलन के लिए फसल मानचित्र तैयार करने में सहायक होगी।
  • मृदा प्रोफ़ाइल मानचित्र : इस मिशन के तहत अंतर्गत लगभग 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि का विस्तृत मृदा प्रोफ़ाइल मानचित्र तैयार किया जाएगा। 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR