(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : बैंकिंग, समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय)
संदर्भ
16 अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां (Digital Banking Units : DBUs) राष्ट्र को समर्पित कीं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा देश के 75 ज़िलों में 75 डी.बी.यू. स्थापित किये जाने की घोषणा की गई थी।
क्या हैं डी.बी.यू.
- ‘डिजिटल बैंकिंग इकाई’ एक ‘विशेषीकृत नियत बिंदु व्यवसाय इकाई या केंद्र’ (Specialised Fixed Point Business Unit or Hub) है। ये डिजिटल बैंकिंग उत्पादों एवं सेवाओं को वितरित करने तथा मौजूदा वित्तीय उत्पादों एवं सेवाओं को प्रत्येक समय (24×7) उपलब्ध कराने के लिये एक निश्चित ‘न्यूनतम डिजिटल आधारभूत संरचना केंद्र’ हैं।
- इस वर्ष अप्रैल में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय बैंक संघ (IBA) के एक कार्यकारी समूह की रिपोर्ट के बाद डिजिटल बैंकिंग इकाइयों के लिये दिशानिर्देशों की घोषणा की थी।
- पिछले डिजिटल बैंकिंग अनुभव वाले वाणिज्यिक बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, भुगतान बैंकों और स्थानीय क्षेत्र के बैंकों के अलावा) को आर.बी.आई. से अनुमति की आवश्यकता के बिना टियर 1 से टियर 6 केंद्रों में डी.बी.यू. खोलने की अनुमति है, जब तक कि अन्यथा यह प्रतिबंधित न हो।
- सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंक, 12 निजी बैंक और एक लघु वित्त बैंक इस प्रयास में भाग ले रहे हैं।
स्थापना का उद्देश्य
- इनकी स्थापना का उद्देश्य डिजिटल बैंकिंग का लाभ देश के कोने-कोने तक पहुँचाना, वित्तीय समावेशन को अधिक व्यापक बनाना तथा नागरिकों के लिये बैंकिंग अनुभव में उल्लेखनीय सुधार करना है। इनके अंतर्गत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा।
- साथ ही, इनका उद्देश्य ग्राहकों को उनके अनुकूल, कागज रहित, सुरक्षित और कनेक्टेड वातावरण में बैंकिंग उत्पादों व सेवाओं तक पहुँच एवं उन्नत डिजिटल अनुभव प्रदान करना है।
- इसके अतिरिक्त, ये मौजूदा वित्तीय उत्पादों और सेवाओं को किसी भी समय स्वयं-सेवा (Self-Service) मोड में डिजिटल रूप से सेवाएँ प्रदान करती हैं। ये ग्राहकों के लिये सुविधाजनक एवं लागत प्रभावी बैंकिंग सुनिश्चित करते हैं।
- डी.बी.यू. ग्राहकों को वर्ष भर बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं का किफायती, सुविधाजनक पहुँच तथा बेहतर डिजिटल अनुभव प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। ये डिजिटल वित्तीय साक्षरता का प्रसार करेंगे और साइबर सुरक्षा जागरूकता तथा सुरक्षा उपायों पर ग्राहक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाएगा।
डी.बी.यू. के तहत सेवाएँ
कोर सेवाएँ
- ये डी.बी.यू. ब्रिक एंड मोर्टार आउटलेट्स से संचालित की जाएंगी। डी.बी.यू. द्वारा बचत बैंक खाते, चालू खाते, सावधि जमा और आवर्ती जमा खाते खोलने, बैलेंस-चेक करने, पासबुक प्रिंट करने, राशि अंतरित करने, फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने, ऋण के लिये आवेदन करने की सुविधा प्रदान की जाएँगी।
- साथ ही, इसके द्वारा खाते का विवरण देखने, जारी किये गए चेक के लिये स्टॉप-पेमेंट निर्देश देने, क्रेडिट/डेबिट कार्ड के लिये आवेदन करने, करों व बिलों का भुगतान करने तथा नामांकन करने आदि जैसी विभिन्न डिजिटल बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी।
- इसके अतिरिक्त, ग्राहकों व व्यापारियों के लिये डिजिटल किट, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और मास ट्रांजिट सिस्टम कार्ड, यू.पी.आई. क्यूआर कोड, भीम आधार और पॉइंट ऑफ सेल (PoS) सेवाएँ भी प्रदान की जाएगी।
अन्य सेवाएँ
- अन्य सेवाओं में चिन्हित खुदरा, एम.एस.एम.ई. या योजनाबद्ध ऋणों हेतु ग्राहकों के लिये आवेदन करना शामिल है। इसमें ऐसे ऋणों का संपूर्ण डिजिटल प्रसंस्करण, ऑनलाइन आवेदन से लेकर वितरण तक और राष्ट्रीय पोर्टल के तहत कवर की गई सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं को चिन्हित करना शामिल हो सकता है।
- इसके अलावा डी.बी.यू. द्वारा प्रत्यक्ष रूप से या उसके बिजनेस फैसिलिटेटर्स/कॉरस्पोंडेंट्स के माध्यम से प्रस्तुत किये जा रहे व्यवसाय और सेवाओं से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने और उनको रीयलटाइम सहायता उपलब्ध कराने के लिये पर्याप्त डिजिटल व्यवस्थाएँ होंगी।
डी.बी.यू. और फिनटेक में प्रतिस्पर्धा
- वर्तमान में, नियो बैंक के रूप में काम करने वाली फिनटेक कम्पनियाँ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के साथ साझेदारी में डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ प्रदान करती हैं।
- भारत में ऐसी सेवाओं की पेशकश करने वाले कुछ नियो बैंक में जुपिटर, फाई मनी (Fi Money), नियो, रेजरपे एक्स (Razorpay X) आदि प्रमुख हैं।
- ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग सुविधाओं वाले पारंपरिक बैंकों की तुलना में नियो बैंक या डिजिटल बैंक उत्कृष्ट नवाचार सेवाएँ और बेहतर डिजिटल समाधान प्रदान करते हैं।
नियो बैंक
- नियो बैंक (Neo Bank) का कामकाज 100% डिजिटल होता है। इसकी कोई भौतिक शाखा नहीं होती है। इसका तात्पर्य यह है कि परंपरागत बैंकों की तरह नियो बैंक की कोई शाखा नहीं होती है। प्रत्येक कार्य ऐप के माध्यम से होता है।
- नियो बैंक हर ऐसी बैंकिंग सुविधाएं प्रस्तुत करते हैं, जो आपको किसी परंपरागत बैंक में मिलती है। नियो बैंक को ऑनलाइन बैंक, इंटरनेट-ओनली बैंक, वर्चुअल बैंक या डिजिटल बैंक के रूप में भी जाना जाता है।
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- हालाँकि, वास्तविक बैंकिंग संचालन के लिये इनके पास वर्तमान में एन.बी.एफ.सी. या अनुसूचित बैंकों के साथ जो व्यवस्था है, उसे देखते हुए डिजिटल बैंकों को ‘प्रशंसित डिजिटल वितरण कंपनियों’ के रूप में आँका गया है।