दूरसंचार विभाग (DOT) ने डिजिटल भारत निधि (DBN) को क्रियान्वित करने के लिए मसौदा नियम जारी किए हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार संपर्क बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार का एक नवीन प्रयास है।
डिजिटल भारत निधि के बार में
- क्या है : ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार संपर्क बढ़ाने के उद्देश्य से पूर्ववर्ती ‘सार्वभौमिक सेवा दायित्व निधि’ (USOF) के स्थान पर एक नई निधि
- USOF सभी टेलीकॉम फंड ऑपरेटर्स पर उनके समायोजित सकल राजस्व (AGR) पर लगाए गए 5% सार्वभौमिक सेवा शुल्क द्वारा सृजित निधियों (Funds) का एक समूह है।
- डिजिटल भारत निधि (DBN) का दायरा यू.एस.ओ.एफ. (USOF) की तुलना में अपेक्षाकृत व्यापक होगा।
- उद्देश्य : दूरदराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार करना
- इसकी धनराशि का उपयोग ऐसे क्षेत्रों में किया जाएगा जहां निजी कंपनियां अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने वाले बाजार न होने के कारण सेवाएं देने से मना कर सकते हैं।
- डिजिटल भारत निधि की कार्यप्रणाली : दूरसंचार अधिनियम के अनुसार, DBN के लिए दूरसंचार कंपनियों द्वारा दिया जाने वाला योगदान सर्वप्रथम भारत की संचित निधि (CFI) में जमा किया जाएगा।
- केंद्र समय-समय पर एकत्रित धनराशि को डी.बी.एन. में जमा करेगा। सरकार को प्राप्त होने वाले सभी राजस्व सी.एफ.आई. (CFI) में जमा किए जाते हैं और सरकार अपने सभी व्यय भी इसी निधि से करती है।
- CFI में दिए गए ऋण एवं ऋणों के पुनर्भुगतान से प्राप्त सभी धन शामिल हैं।
- सामाजिक महत्त्व : समाज के वंचित समूहों, जैसे- महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों एवं आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों तक लक्षित पहुंच प्रदान करने के लिए योजनाओं व परियोजनाओं के वित्तपोषण के माध्यम से सामाजिक सशक्तिकरण में सहायक
डी.बी.एन. के तहत एकत्रित धन का उपयोग
- वंचित ग्रामीण, दूरदराज एवं शहरी क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं तक पहुंच व वितरण को बढ़ावा देने के माध्यम से सार्वभौमिक सेवा का समर्थन करने के लिए
- दूरसंचार सेवाओं, प्रौद्योगिकियों व उत्पादों के अनुसंधान एवं विकास को वित्तपोषित करने के लिए
- कनेक्टिविटी में सुधार के लिए पायलट परियोजनाओं, परामर्श सहायता एवं सलाहकारी समर्थन प्रदान करने के लिए
- दूरसंचार सेवाओं, प्रौद्योगिकियों एवं उत्पादों की शुरूआत करने के लिए
- डीबीएन को कैसे संचालित किया जाएगा, इस पर दूरसंचार विभाग द्वारा जारी मसौदा नियमों के अनुसार, केंद्र एक “प्रशासक” नियुक्त करेगा, जो “बोली” या पात्र व्यक्तियों से आवेदन आमंत्रित करके “डीबीएन कार्यान्वयनकर्ताओं” का चयन करेगा।