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गांवों का डिजिटल मानचित्रण

चर्चा में क्यों

केंद्र सरकार ने ‘स्वामित्व योजना’ के तहत देश के सभी 6 लाख गाँवों के साथ-साथ 100 भारतीय शहरों के लिये अखिल भारतीय त्रि-आयामी (3D) मानचित्र तैयार करने की योजना बनाई है।

प्रमुख बिंदु

  • ड्रोन के साथ भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी द्वारा तैयार किया जाने वाला यह डिजिटल मानचित्र भारत सरकार की स्वामित्व योजना को और अधिक सुदृढ़ बनाने में सहायक होगा।
  • अद्यतन दिशानिर्देश निजी कंपनियों को विभिन्न मंत्रालयों से अनुमोदन की आवश्यकता के बिना विभिन्न प्रकार के मानचित्र तैयार करने, ड्रोन का उपयोग करने और स्थानिक मानचित्रण के माध्यम से एप्लिकेशन विकसित करने में सहायता प्रदान करेंगे।
  • भौगोलिक सूचना प्रणाली आधारित मानचित्रण वन प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, विद्युत उपयोग, भूमि अभिलेख, जल वितरण और संपत्ति कराधान में भी उपयोगी होंगे।
  • एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2020 में भारतीय भू-स्थानिक बाजार का आकार 23,345 करोड़ रुपए था जिसमें 10,595 करोड़ रूपए का निर्यात शामिल था। वर्ष 2025 में इसके 36,000 करोड़ रूपए को पार कर जाने की संभावना है।

स्वामित्व योजना (SVAMITVA: Survey of Villages Abadi and Mapping with Improvised Technology in Village Areas)

  • स्वामित्व योजना का पूर्ण नाम ‘गाँवों का सर्वेक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में सुधारित प्रौद्योगिकी के साथ मानचित्रण’ है। यह योजना 24 अप्रैल, 2020 को पंचायती राज मंत्रालय ने प्रारंभ की।
  • इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित घरों में रहने वाले लोगों को ‘रिकॉर्ड ऑफ राइट्स’ उपलब्ध करवाना और संपत्तिधारकों को कानूनी संपत्ति कार्ड प्रदान करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत ड्रोन तकनीक का उपयोग करके भूमि खंड का मानचित्रण और एक रिकॉर्ड बना कर ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का स्पष्ट स्वामित्व स्थापित करने में मदद मिलेगी।
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