संदर्भ
हाल ही में, डॉ. हर्षवर्धन ने पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS) द्वारा विकसित डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘डिजिटल ओशन’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- डिजिटल ओशन, महासागरीय आँकड़ों के प्रबंधन (ओशन डेटा मैनेजमेंट) के लिये अपनी तरह का पहला डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
- ‘डिजिटल ओशन’ महासागर से संबंधित आँकड़ों को अनुसंधान व परिचालन संबंधी संस्थाओं, सामरिक उपयोगकर्ताओं, शैक्षणिक समुदायों, समुद्री उद्योग और नीति निर्माताओं सहित उपयोगकर्ताओं के एक विस्तृत समूह के साथ साझा करने में मदद करता है।
- डिजिटल ओशन आम जनता और सामान्य लोगों को सूचना तक निशुल्क पहुँच उपलब्ध कराता है। डिजिटल ओशन को हिंद महासागर के किनारे बसे सभी देशों में ओशन डाटा मैनेजमेंट में क्षमता निर्माण के लिये एक मंच के रूप में बढ़ावा दिया जाएगा।
लाभ
- डिजिटल ओशन, डिजिटल इंडिया की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह महासागरों के टिकाऊ प्रबंधन और ‘ब्लू इकोनॉमी’ (सागर आधारित अर्थव्यवस्था) को विस्तार देने व आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
- यह गहरे महासागरीय अभियान, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर शोध, सागरीय खनिज संपदा तथा खाद्य स्रोतों से संबंधित आँकड़े उपलब्ध कराएगा। इन आँकड़ों को साझा करना अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
- डिजिटल ओशन उपयोगकर्ताओं की एक विस्तृत श्रेणी के लिये के सभी आँकड़ों हेतु वन स्टॉप-सॉल्यूशन के रूप में कार्य करेगा।
भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (INCOIS)
- भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है।
- इसकी परामर्श सेवाओं में मछली पकड़ने के संभावित क्षेत्रों के संबंध में सलाह, महासागरीय स्थिति का पूर्वानुमान, ऊँची लहरों तथा सुनामी की प्रारंभिक चेतावनी, चक्रवात के विकास और तेल-रिसाव की सलाह इत्यादि शामिल हैं।
- यह संस्थान राष्ट्रीय एग्रो डाटा केंद्र और अंतर्राष्ट्रीय एग्रो कार्यक्रम के क्षेत्रीय एग्रो डाटा सेंटर के रूप में सेवा प्रदान कर रहा है।