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ग्रामीण विकास में डिजिटल प्रौद्योगिकी 

संदर्भ 

पिछले कुछ केंद्रीय बजटों ने ग्रामीण विकास में डिजिटल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के सरकार के लक्ष्य को प्रतिबिंबित किया है। यह प्रवृत्ति इस वर्ष के बजट में भी बनी हुई है।

डिजिटल अवसंरचना का विकास 

  • भारत सरकार देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है। बजट में यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) के तहत वार्षिक संग्रह का 5% आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है। वाणिज्यिक दूरसंचार और इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदाता ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों को प्राथमिकता देते हैं, इस समस्या के समाधान के रूप में यू.एस.ओ.एफ. को लाया गया है।
  • यू.एस.ओ.एफ. को भारतीय टेलीग्राफ (संशोधन) अधिनियम, 2003 (वर्ष 2006 में संशोधित) के तहत स्थापित किया गया था, ताकि देश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीफोन सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जा सके। यह 5% यूनिवर्सल सर्विस लेवी द्वारा एकत्रित धन संग्रह है, जो सभी टेलीकॉम फंड ऑपरेटरों पर उनके समायोजित सकल राजस्व (ए.जी.आर.) पर लगाया जाता है। यह निधि भारत की संचित निधि में जमा की जाती है और भारतीय संसद के अनुमोदन पर निकाली जाती है।

भारतनेट

  • भारतनेट, जिसे पहले राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के रूप में जाना जाता था, को केंद्रीय बजट में विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है क्योंकि दूरदराज के क्षेत्रों सहित सभी गांवों में ऑप्टिकल फाइबर बिछाने का अनुबंध वर्ष 2022-23 में सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसके वर्ष 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। ब्रॉडबैंड के प्रचार-प्रसार से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार और आय सृजन में वृद्धि होने की उम्मीद है। 
  • यह दुनिया का सबसे बड़ा ग्रामीण ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी कार्यक्रम है। इसे भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड (बी.बी.एन.एल.) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जो भारत सरकार द्वारा कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत 1000 करोड़ रूपए की अधिकृत पूंजी के साथ स्थापित एक एस.पी.वी. है। 

नवाचार केंद्र

इसकी स्थापना कृषि और ग्रामीण उद्यमों के लिये स्टार्टअप्स को वित्तपोषित करने के उद्देश्य से की जाएगी। इन स्टार्टअप्स की गतिविधियों में अन्य बातों के साथ-साथ एफ.पी.ओ. के लिये समर्थन, किसानों के लिये भूमि के आधार पर किराए पर मशीनरी और आईटी आधारित समर्थन सहित प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई जाएगी।

किसान ड्रोन 

बजट में ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न प्रयोजनों के लिये किसान ड्रोन के उपयोग पर ज़ोर दिया गया है। इनमें फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों का छिड़काव और सूक्ष्म पोषक तत्त्वों आदि हेतु ड्रोन के इस्तेमाल पर बल दिया गया है, जो कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करेंगे। सरकार ‘ड्रोन शक्ति’ पहल शुरू कर रही है, जिसमें सेवा के रूप में ड्रोन के उपयोग की सुविधा प्रदान की जाएगी।

वाइब्रेंट विलेज

वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सरकार सीमावर्ती गाँवों के विकास को प्राथमिकता देगी। इस कार्यक्रम के तहत उत्तरी सीमा पर स्थित गाँवों को शामिल किया जाएगा और गृह मंत्रालय इस कार्यक्रम को संचालित करेगा।

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