(प्रारंभिक परीक्षा : रिपोर्ट एवं सूचकांक) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र- 3: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन, संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना) |
संदर्भ
भारत ने बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं एवं बीमा (BFSI) क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पहली डिजिटल थ्रेट रिपोर्ट, 2024 (Digital Threat Report, 2024) लॉन्च की।

डिजिटल थ्रेट रिपोर्ट 2024 के बारे में
- परिचय : यह रिपोर्ट बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं एवं बीमा (BFSI) क्षेत्र में वर्तमान और उभरते साइबर खतरों व रक्षा रणनीतियों का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
- शामिल भागीदार : इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत CERT-In, CSIRT-Fin और वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी SISA
- उद्देश्य : इस रिपोर्ट का उद्देश्य वित्तीय संस्थानों को उभरते जोखिमों से निपटने एवं दीर्घकालिक साइबर लचीलापन बनाने के लिए सशक्त बनाना है।
- महत्व : वर्तमान में BFSI क्षेत्र एआई-संचालित हमलों, धोखाधड़ी रणनीति एवं अनुपालन जटिलताओं से बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में यह रिपोर्ट उभरते साइबर सुरक्षा परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए एक रणनीतिक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी।
- जैसे-जैसे भारत का बी.एफ.एस.आई. क्षेत्र तेजी से विस्तार कर रहा है, वैसे-वैसे डिजिटल लेनदेन को सुरक्षित करना न केवल एक नियामक आवश्यकता है बल्कि एक आर्थिक अनिवार्यता भी है।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष
- बी.एफ.एस.आई. क्षेत्र के परस्पर अंतर्संबंधित होने के कारण एक एकल साइबर हमले के अनेक प्रणालीगत परिणाम हो सकते हैं जो कई संस्थाओं को प्रभावित कर सकते हैं। रिपोर्ट में इस क्षेत्र के तेजी से डिजिटल होने से जुड़े बढ़ते साइबर जोखिमों पर प्रकाश डाला गया है।
- रिपोर्ट मे ख़तरा उत्पन्न करने वाले अभिकर्ताओं द्वारा प्रयोग की जाने वाली विधियों, युक्तियों एवं प्रक्रियाओं (Tactics, Techniques and Procedures) के बारे में जानकारी दी गई है जिसमें हमलों को बढ़ाने के लिए ए.आई. का उपयोग एवं नए तरीकों से संगठनों को निशाना बनाना आदि शामिल है।
- इसमें वर्तमान प्रवृत्तियों, डार्क वेब चैटर एवं हमले की तकनीकों के विकास के आधार पर संभावित भविष्य के उल्लंघनों की भविष्यवाणी की गई है जिससे संगठनों को उभरते खतरों के लिए सक्रिय रूप से तैयार होने में मदद मिले।
- रिपोर्ट में हमलावरों द्वारा AI एवं मशीन लर्निंग का उपयोग परिष्कृत मैलवेयर विकसित करने, हमलों को स्वचालित करने, विश्वसनीय डीपफेक बनाने और साइबर आपराधिक गतिविधियों के लिए बाधाओं को कम करने के तरीकों पर चर्चा की गई है।
- वित्तीय सेवाओं में मजबूत साइबर सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता को रेखांकित किया गया तथा यह स्पष्ट किया गया है कि साइबर सुरक्षा अब एक वैकल्पिक सुरक्षा नहीं है बल्कि डिजिटल युग में वित्तीय स्थिरता की नींव है।
- रिपोर्ट में CERT-In एवं CSIRT-Fin जैसी संस्थाओं की साइबर घटनाओं का समय पर पता लगाने, प्रतिक्रिया व पुनर्प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए नियामकों तथा वैश्विक साइबर सुरक्षा निकायों के साथ सहयोग करके जोखिमों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा की गई है।
- इसमें बी.एफ.एस.आई. क्षेत्र को आकार देने वाले साइबर सुरक्षा परिदृश्य का समग्र विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है जो डिजिटल जोखिमों को कम करने के लिए एक सक्रिय व खुफिया-संचालित दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करती है।
- रिपोर्ट न केवल प्रमुख हमले और विकसित हो रही प्रतिकूल रणनीति तथा लगातार सुरक्षा खामियों की पहचान करके मौजूदा चुनौतियों को रेखांकित करती है बल्कि वित्तीय संगठनों को लोगों, प्रक्रिया व प्रौद्योगिकी में निवारक एवं जासूसी सुरक्षा उपायों को लागू करने में मदद करने के लिए व्यावहारिक व कार्रवाई योग्य सिफारिशें भी प्रदान करती है।
प्रमुख सिफारिशें
निरंतर सूचना सुरक्षा प्रशिक्षण
- वित्तीय संस्थानों को अपने कर्मचारियों को AI-संचालित फ़िशिंग व डीपफेक जैसे उभरते खतरों के प्रति सतर्क रखकर वार्षिक से त्रैमासिक सुरक्षा प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है।
- यह दृष्टिकोण न केवल संवेदनशील डेटा की सुरक्षा करता है बल्कि ग्राहक विश्वास भी बनाता है और संगठन की दीर्घकालिक सफलता को मजबूत करता है।
रिमोट और हाइब्रिड कार्य वातावरण को सुरक्षित करना
- जैसे-जैसे रिमोट और हाइब्रिड कार्य मॉडल हमले की सतह का विस्तार करते हैं, संगठनों को इन वातावरणों का समर्थन करने वाली तकनीकों को सुरक्षित करना चाहिए।
- इनमें नियमित रूप से भेद्यता आकलन करना और रिमोट एक्सेस जैसे समाधानों को मजबूत करना आवश्यक कदम हैं।
दीर्घकालिक लचीलेपन के लिए जोखिम प्रबंधन और शासन
- वित्तीय नियामक अनुपालन को बढ़ाने और समग्र सुरक्षा स्थिति को मजबूत करने के लिए एक सक्रिय, व्यापक जोखिम प्रबंधन ढांचे की आवश्यकता है।
- यह ढांचा पारदर्शिता को बढ़ावा देने के साथ साथ मानकीकृत रिपोर्टिंग को सक्षम बनाता है तथा उद्योग की सर्वोत्तम प्रथाओं के विरुद्ध बेंचमार्किंग की सुविधा प्रदान करता है।
सक्रिय प्रक्रियाओं और स्तरित सुरक्षा के माध्यम से साइबर सुरक्षा को मजबूत करना
- त्वरित भेद्यता मूल्यांकन
- रणनीतिक अनिवार्यता के रूप में गहराई से रक्षा
- ख़तरा खुफिया एकीकरण
- आधुनिक खतरों के लिए जीरो ट्रस्ट आर्किटेक्चर (ZTA)
- एआई-संचालित विसंगति का पता लगाना और डार्क वेब मॉनिटरिंग