जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा चिनार के वृक्षों के संरक्षण के लिए डिजिटल वृक्ष आधार कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
डिजिटल वृक्ष आधार कार्यक्रम के बारे में
- क्या है : इस कार्यक्रम के तहत जम्मू एवं कश्मीर राज्य में चिनार के वृक्षों को ‘जियो-टैग’ और क्यूआर कोड से लैस किया जा रहा है।
- स्कैन किए जाने पर क्यूआ कोड 25 मापदंडों के आधार पर वृक्ष के बारे में विशेष जानकारी प्रदान करेगा।
- इनमें वृक्ष का देशांतर एवं अक्षांश, उसकी आयु, लंबाई, परिधि, शाखाओं की संख्या व वृक्ष का स्वास्थ्य शामिल है।
- विशिष्ट संख्या : यह पहल प्रत्येक वृक्ष के लिए एक विशिष्ट संख्या प्रदान करती है।
- उदाहरण, कश्मीर में लाल चौक के केंद्र में स्थित चिनार का नाम CG-JK010088 है।
- उद्देश्य : राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वृक्ष की स्थिति पर निगरानी करके उनका संरक्षण सुनिश्चित करना।
- नोडल एजेंसी : जम्मू एवं कश्मीर वन अनुसंधान संस्थान
- पहल की आवश्यकता : तीव्र शहरीकरण के कारण चिनार के वृक्ष खतरे का सामना कर रहे हैं, इसलिए इनका जिलेवार एक व्यापक डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
इसे भी जानिए!
चिनार वृक्ष के बारे में
- वैज्ञानिक नाम : प्लांटस ओरिएंटलिस वर कैशमेरियाना
- परिचय : बहुत बड़ी कैनोपी (Canopy) वाला मेपल जैसा वृक्ष
- जलवायु : पर्याप्त नमी वाले शीत जलवायु क्षेत्रों में
- प्राप्ति स्थल : मुख्यत: जम्मू एवं कश्मीर में
- आयु : परिपक्व होने में 30-50 वर्ष और पूर्ण आकार तक पहुंचने में 150 वर्ष
- आकारिकी : लंबाई 30 मीटर तक और परिधि 10 से 15 मीटर तक
- नसीम बाग़ उद्यान की स्थापना : मुग़ल शासक जहाँगीर द्वारा श्रीनगर में डल झील के किनारे नसीम बाग चिनार उद्यान की स्थापना
- राज्य वृक्ष : जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का राजकीय वृक्ष
- संरक्षण स्थिति : जम्मू एवं कश्मीर राज्य में इस वृक्ष के काटने पर पूर्ण प्रतिबंध
- निजी संपत्ति पर चिनार के वृक्ष की कटाई के लिए भी सरकार की अनुमति की आवश्यकता है।
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