संदर्भ
यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर जर्मनी चले गए, जबकि विदेश मंत्रालय (MEA) ने कि उन्हें कोई वीजा नोट जारी नहीं किया।
राजनयिक पासपोर्ट की विशेषताएँ
- राजनयिक पासपोर्ट में मैरून कवर होता है और यह पाँच वर्ष या उससे कम अवधि के लिए वैध होता है।
- जबकि सामान्य पासपोर्ट में गहरा नीला कवर होता है जो 10 वर्ष (वयस्कों के लिए) के लिए वैध होता है।
- राजनयिक पासपोर्ट धारक अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार कुछ विशेषाधिकारों एवं उन्मुक्तियों के हकदार होते हैं।
- इसमें मेजबान देश में गिरफ्तारी, हिरासत और कुछ कानूनी कार्यवाही से छूट शामिल है।
राजनयिक पासपोर्ट के लिए अर्ह व्यक्ति
- विदेश मंत्रालय का कांसुलर, पासपोर्ट और वीज़ा प्रभाग सामान्यत: पाँच श्रेणियों में आने वाले लोगों को राजनयिक पासपोर्ट ('टाइप डी' पासपोर्ट) जारी करता है :
- राजनयिक स्थिति वाले
- सरकार द्वारा नियुक्त ऐसे व्यक्ति जो आधिकारिक व्यवसाय के लिए विदेश यात्रा करते हैं।
- भारतीय विदेश सेवा की शाखा ए और बी के तहत काम करने वाले अधिकारी।
- भारतीय विदेश सेवा और विदेश मंत्रालय में कार्यरत अधिकारियों के नजदीकी परिवारिक सदस्य।
- राजनयिक पासपोर्ट उन चुनिंदा व्यक्तियों को भी जारी किए जाते हैं जो सरकार की ओर से आधिकारिक यात्रा करने के लिए अधिकृत हैं।
- इसमें केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं। इन पासपोर्टों की वैधता सांसद के कार्यकाल के साथ-साथ होती है।
वीजा नोट की आवश्यकता
- सामान्य परिस्थितियों में विदेश मंत्रालय किसी आधिकारिक कार्य या यात्रा के लिए विदेश जाने वाले सरकारी अधिकारियों को वीज़ा नोट जारी करता है।
- जर्मनी सहित के साथ भारत ने राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए परिचालन वीजा छूट समझौते किए हैं।
- वर्ष 2011 में हस्ताक्षरित एक पारस्परिक समझौते के अनुसार, भारतीय राजनयिक पासपोर्ट धारकों को जर्मनी जाने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है, बशर्ते उनका प्रवास 90 दिनों से अधिक न हो।
- भारत ने फ्रांस, ऑस्ट्रिया, अफगानिस्तान, चेक गणराज्य, इटली, ग्रीस, ईरान और स्विट्जरलैंड जैसे देशों के साथ भी इसी तरह के समझौते किए हैं।
- भारत का 99 अन्य देशों के साथ भी समझौता है, जिसमें राजनयिक पासपोर्ट धारकों के अलावा सेवा और आधिकारिक पासपोर्ट रखने वाले भी 90 दिनों तक रहने के लिए परिचालन वीजा छूट का लाभ उठा सकते हैं।
- इस सूची में बहरीन, ब्राज़ील, मिस्र, हांगकांग, ओमान, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।
राजनयिक पासपोर्ट का रद्द किया जाना
- पासपोर्ट अधिनियम 1967 के तहत पासपोर्ट प्राधिकरण निम्नलिखित परिस्थितियों में पासपोर्ट रद्द किया जा सकता है :
- यदि धारक के पास पासपोर्ट का गलत तरीके से कब्जा है।
- यदि इसे महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाकर प्राप्त किया गया है।
- यदि पासपोर्ट प्राधिकरण भारत की संप्रभुता और अखंडता या किसी विदेशी देश के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित में ऐसा करना आवश्यक समझता है।
- यदि पासपोर्ट जारी होने के बाद धारक को भारत की किसी अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया हो और कम से कम दो साल की कैद की सजा सुनाई गई हो।
- एक आपराधिक अदालत के समक्ष पासपोर्ट धारक द्वारा कथित तौर पर किए गए अपराध के संबंध में कार्यवाही के दौरान अदालत के आदेश पर।