प्रारम्भिक परीक्षा – समुद्री एम्फ़िपोड की एक नई प्रजाति क्रस्टेशिया की खोज मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी) |
चर्चा में क्यों
ओडिशा के बेरहामपुर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चिल्का झील में समुद्री एम्फ़िपोड की एक नई प्रजाति क्रस्टेशिया की खोज की है।
प्रमुख बिंदु :-
- इस नई प्रजाति का नाम ओडिशा की मूल भाषा ओडिया के नाम पर “परहयाले ओडियन” (Parhyale odian) रखा गया है।
- यह जीनस पारहयाले के झींगा जैसा दिखता है।
- जीनस पारहयाले :- यह एक एम्फ़िपोड क्रस्टेशियन की प्रजाति है।
- इसका उपयोग विकासात्मक और आनुवंशिक विश्लेषण में किया जाता है। इसे एक उभरते हुए मॉडल जीव के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- वर्तमान में जीनस पारहयाले में एक और प्रजाति के जुड़ने से वैश्विक प्रजातियों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है।
- इस नई प्रजाति का रंग भूरा और लंबाई लगभग 8 मिलीमीटर है।
- इसके 13 जोड़े पैर होते हैं।
- जीनस परहयाले प्रजाति को पहली बार वर्ष 1899 में वर्जिन द्वीपसमूह से स्टेबिंग द्वारा खोजा गया था।
- यह प्रजाति समुद्री खारे और मीठे जल दोनों वातावरणों में पाई जाती हैं।
एम्फ़िपोड (Amphipods) :-
- ये उष्णकटिबंधीय एवं समशीतोष्ण क्षेत्रों के साथ अंतर्ज्वारीय और तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
- इनकी लंबाई 1 मिलीमीटर लंबाई से लेकर 340 मिमी तक होती है।
- यह समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में एक महत्वपूर्ण समूह हैं।
- यह समुद्री खाद्य श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- ये जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और तटीय पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य का अध्ययन करने के लिए संकेतक के रूप में कार्य करते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- परहयाले ओडियन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह एक एम्फ़िपोड क्रस्टेशियन की प्रजाति है।
- यह प्रजाति केवल मीठे जल में पाई जाती हैं।
- इसकी खोज ओडिशा के बेरहामपुर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने चिल्का झील में की।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (b)
|
स्रोत: DownToEarth