प्रारम्भिक परीक्षा – क्षुद्रग्रहों की सतह पर पानी की खोज मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 (भूगोल) |
संदर्भ
हाल ही में नासा ने वैज्ञानिकों ने पहली बार दो क्षुद्रग्रहों की सतह पर पानी के अणुओं का पता लगाया है।
![asteroids](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//asteroids.jpg)
प्रमुख बिंदु:-
- नासा ने सेवानिवृत्त हो चुकी सोफिया एयरबोर्न वेधशाला के डेटा का उपयोग करके यह खोज की।
- SOFIA के द्वारा एकत्र किए गए डेटा में आइरिस और मस्सालिया नामक दो सिलिकेट-समृद्ध क्षुद्रग्रहों की सतह पर पानी के संकेत मिले हैं।
- ऐसे साक्ष्य पहली बार मिले हैं जब किसी क्षुद्रग्रह की सतह पर पानी के अणुओं का पता चला है।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, दोनों क्षुद्रग्रहों पर पानी की प्रचुरता है।
- इन क्षुद्रग्रहों पर चंद्रमा की सतह की तरह खनिज या सिलिकेट हो सकतें हैं।
आइरिस और मासालिया क्षुद्रग्रह :-
![SOFIA](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//SOFIA.jpg)
- इन क्षुद्रग्रहों का व्यास क्रमशः 124 मील (199 किलोमीटर) और 84 मील (135 किमी) है।
- इनकी कक्षाएँ समान हैं, जो सूर्य से 2.39 खगोलीय इकाइयों (AU), या सूर्य-पृथ्वी की दूरी की औसत दूरी तय करती हैं।
- इन क्षुद्रग्रहों के अध्ययन से पता चलता है की सिलिकेट युक्त क्षुद्रग्रह युगों तक अपने कुछ पानी को संरक्षित रख सकते हैं।
- इन क्षुद्रग्रहों में पानी की खोज सौर मंडल और उसके बाहर संभावित जीवन के अन्य रूपों की खोज में सहायक होगी।
SOFIA (इन्फ्रारेड खगोल विज्ञान के लिए स्ट्रैटोस्फेरिक वेधशाला):-
![DeutschesZentrumfürLuft](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//DeutschesZentrumfürLuft.jpg)
- यह दुनिया की सबसे बड़ी हवाई खगोलीय वेधशाला है, जो नासा के अंतरिक्ष दूरबीनों (Telescopes) के साथ-साथ पृथ्वी-आधारित दूरबीनों की पूरक के रूप में कार्य करती है।
- इस दूरबीनों (Telescopes ) को बोइंग 747 SP विमान पर लगाया गया है।
- इसका संचालन NASA और जर्मन अंतरिक्ष एजेंसी(Deutsches Zentrum für Luft- und Raumfahrt: DLR) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
- इस टेलीस्कोप को उच्च-रिज़ॉल्यूशन, इन्फ्रारेड छवियों और आकाशीय पिंडों के स्पेक्ट्रा; जैसे तारा बनने वाले क्षेत्रों, ब्लैक होल और आकाशगंगाओं को कैप्चर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसमें लगभग 20 टन का दर्पण तथा 8.9 फुट चौड़ा (2.7-मीटर) परावर्तक टेलीस्कोप लगाया गया है।
- यह वायुमंडल के समताप मंडल में 38,000-45,000 फीट (लगभग 13.7 किलोमीटर) की ऊंचाई पर संचालित होता है।
- यह ब्रह्मांड में सौरमंडल और उससे आगे के अध्ययन सहायक है।
- यह विश्व किसी भी स्थान से निरीक्षण कर सकती है।
- उदाहरण :- SOFIA के खगोलविदों ने वायुमंडल और इसके परिवेश का अध्ययन करने के लिए प्लूटो, शनि के चंद्रमा टाइटन और नासा के न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान के लिए अगले फ्लाईबाई लक्ष्य कुइपर बेल्ट ऑब्जेक्ट MU69 की ग्रहण जैसी घटनाओं का अध्ययन किया है।
- SOFIA परियोजना को 12 वर्षों (2010-2022) तक संचालित होने के बाद वर्ष 2022 में बंद कर दिया गया।
क्षुद्रग्रह (Asteroid):-
![jupiter](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//jupiter.jpg)
- इनकी उत्पति ग्रहों के विस्फोट (लगभग 4.6 अरब वर्ष पहले) के फलस्वरूप टूटे हुए खंडों से हुई है।
- इनका आकार 1 मीटर से लगभग 1000 किमी व्यास या इससे अधिक होता है।
- यह आकार में ग्रहों से छोटे लेकिन उल्कापिंडों से बड़े होते हैं ।
- छोटे क्षुद्रग्रह को “लघु ग्रह/ बौने ग्रह” तथा बड़े क्षुद्रग्रह को प्लैनेटॉइड्स के नाम से जाना जाता है।
- सौर मंडल में क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति ग्रह के मध्य क्षेत्र में सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
![fireball](https://www.sanskritiias.com/uploaded_files/images//fireball.jpg)
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में नासा ने वैज्ञानिकों ने पहली बार कितने किन क्षुद्रग्रहों की सतह पर पानी के अणुओं का पता लगाया है?
1.आइरिस
2.मस्सालिया
3.सेरेस
दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन करें?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर - (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न:- आइरिस और मस्सालिया क्या हैं ? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।
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स्रोत: LIVE SCIENCE