चर्चा में क्यों
हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य वस्तु एवं सेवा कर कार्यालयों द्वारा भेजे गए सभी नोटिसों पर दस्तावेज़ पहचान संख्या (DIN) का उल्लेख सुनिश्चित करने के लिये वस्तु एवं सेवा कर परिषद को सभी राज्यों को सलाह जारी करने का निर्देश दिया है।
प्रमुख बिंदु
- डी.आई.एन. (Document Identification Number) एक 20-अंकीय पहचान कोड है जो सरकार द्वारा करदाताओं को भेजे जाने वाले प्रत्येक संदेश पर उल्लिखित होता है।
- वर्ष 2019 में सी.बी.आई.सी. (CBIC) ने निर्दिष्ट किया था कि जाँच प्राधिकरण, सम्मन, गिरफ्तारी मेमो और निरीक्षण नोटिस सहित सभी संचारों के साथ एक डी.आई.एन. होगा, जिसे बाद में अन्य संचारों के लिये भी विस्तारित किया गया था किंतु कई राज्यों ने इसे लागू नहीं किया था।
- वर्तमान में केवल कर्नाटक और केरल ही डी.आई.एन. के साथ नोटिस जारी कर रहे हैं।
लाभ
- राज्यों द्वारा डी.आई.एन. प्रणाली के कार्यान्वयन से नोटिस भेजने की पूरी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने तथा उत्पीड़न के रुकने की संभावना है।
- सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, यह व्यापक जनहित में होगा और सुशासन को बढ़ावा देने के साथ ही अप्रत्यक्ष कर प्रशासन में पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।