(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।)
संदर्भ
- हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ‘डाटा गवर्नेंस नीति का मसौदा’ जारी किया है, जो 'इंडिया डाटा एक्सेसिबिलिटी एंड यूज़ पॉलिसी 2022' को प्रतिस्थापित करेगा।
- 'नेशनल डाटा गवर्नेंस फ्रेमवर्क पॉलिसी' (NDGFP) नामक नवीनतम मसौदे में शोधकर्ताओं और नवोन्मेषकों के उपयोग के लिये सरकारी और निजी संस्थाओं से गैर-व्यक्तिगत डाटा की 'सुरक्षित उपलब्धता' का प्रबंधन करने हेतु भारत डाटासेट कार्यक्रम (IDP) को शुरू करने का प्रस्ताव है।
गैर-व्यक्तिगत डाटा
- गैर-व्यक्तिगत डाटा को जानकारी के एक समूह के रूप में वर्णित किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्तिगत विवरण नहीं होता है।
- गैर-व्यक्तिगत डाटा को तीन वर्गों - सार्वजनिक, सामुदायिक और निजी में बाँटा गया है।
- सार्वजनिक डाटा - सरकार द्वारा अपने कामकाज के दौरान एकत्र किया गया डाटा सार्वजनिक गैर-व्यक्तिगत डाटा कहलाता है।
- सामुदायिक डाटा - एक समुदाय से प्राप्त असंसाधित (Unprocessed) जानकारी का एक सेट सामुदायिक गैर-व्यक्तिगत डाटा कहलाता है।
- निजी डाटा - निजी संस्थाओं से एल्गोरिदम के माध्यम से प्राप्त जानकारी को निजी गैर-व्यक्तिगत डाटा कहते है।
डाटा नीति की आवश्यकता
- वर्तमान के सरकार द्वारा अपनी प्रक्रियाओं का तीव्र गति से डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जबकि विद्यमान बुनियादी ढांचा गैर-व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा के लिये पूरी तरह से तैयार नहीं है।
- यह डाटा विभिन्न विभागों में संग्रहीत नहीं है, जो डाटा-संचालित शासन की प्रभावकारिता को प्रभावित करता है और डाटा विज्ञान एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा इसका लाभ नहीं उठाया जा रहा है।
- इस नीति के माध्यम से, एक प्लेटफ़ॉर्म पर गैर-व्यक्तिगत डाटा को एकत्रित किया जा सकेगा ताकि मंत्रालयों और शोधकर्ताओं द्वारा अधिक प्रभावी डिजिटल सरकार की स्थापना की जा सके।
डाटा गवर्नेंस नीति की विशेषताएँ
डाटा एकत्र करना और सोर्सिंग करना
इस नीति के तहत केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा भारतीय नागरिकों या देश में रहने वाले लोगों से एकत्र किये गए अज्ञात गैर-व्यक्तिगत डाटासेट का एक केंद्रीय भंडार निर्मित किया जाएगा। इस हेतु आई.डी.पी. का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया है।
प्रयोज्यता
यह नीति सभी मंत्रालयों और केंद्र सरकार के विभागों पर लागू होगी। इसमें केंद्र द्वारा एकत्रित और प्रबंधित सभी गैर-व्यक्तिगत डाटा का मिलान किया जाएगा। सरकारी संस्थाओं को एक साझा भंडार बनाने के लिये उनके पास उपलब्ध डाटासेट की पहचान और वर्गीकरण करना होगा।
भंडार गृह
इस नीति के तहत आई.डी.पी. की स्थापना की जाएगी जिसका डिजाइन और प्रबंधन भारत डाटा प्रबंधन कार्यालय (IDMO) द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम के सभी डाटासेट एक सामान्य केंद्रीय मंच और आई.डी.एम.ओ. द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य मंच के माध्यम से सुलभ होंगे।
डाटा उपलब्धता
आई.डी.एम.ओ. गोपनीयता की रक्षा करते हुए आई.डी.पी. के माध्यम से गैर-व्यक्तिगत डाटासेट को साझा करने के लिये प्रोटोकॉल के निर्माण हेतु उत्तरदायी होगा।
आई.डी.एम.ओ. की गतिविधियाँ
- आई.डी.एम.ओ. की स्थापना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डिजिटल इंडिया कोऑपरेशन के अंतर्गत की जाएगी। यह कार्यालय मंत्रालयों और विभागों को गैर-व्यक्तिगत डाटासेट की पहचान, उपयोग और प्रबंधन के लिये मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
- नीति के सुचारू और उचित कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक मंत्रालय और विभाग द्वारा एक डाटा प्रबंधन इकाई को स्थापित किया जायेगा जो आई.डी.एम.ओ. के साथ मिलकर काम करेंगे।
- आई.डी.एम.ओ. अंतर-सरकारी डाटा एक्सेस के लिये एक तंत्र भी स्थापित करेगा। इसके अतिरिक्त, यह कार्यालय डाटा के रखरखाव और सेवाओं के लिये उपयोगकर्ता शुल्क लेने का निर्णय ले सकता है।
निष्कर्ष
स्पष्ट है कि इस मसौदे में निर्धारित किये गए मानक और नियम डाटा सुरक्षा और सूचना गोपनीयता को सुनिश्चित करेंगे, लेकिन इसमें यह विस्तार से नहीं बताया गया है कि सरकार डाटा गोपनीयता की सुरक्षा किस प्रकार करेगी।