(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)
संदर्भ
हाल ही में, ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को आधिकारिक रूप से नोडल मंत्रालय बनाया गया है तथा इसने सार्वजनिक परामर्श के लिये ऑनलाइन गेमिंग से संबंधित आई.टी. मध्यस्थ नियम- 2021 का संशोधित प्रारूप भी जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रस्तावित नियमों को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के रूप में पेश किया गया है।
- इस प्रारूप का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारतीय कानूनों के अनुरूप ऑनलाइन खेलों को प्रस्तुत किया जाए और इन खेलों के उपयोगकर्ताओं को संभावित नुकसान से बचाया जाए।
- भारत में ऑनलाइन गेमिंग के प्रतिभागियों में लगभग 40 से 45% महिलाएँ हैं, ऐसे में गेमिंग इकोसिस्टम का विनियमन और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
प्रमुख प्रावधान
स्व-नियामक निकाय
- ऑनलाइन गेमिंग की सामग्री को विनियमित करने के लिये एक स्व-नियामक निकाय (Self Regulatory Body) का प्रस्ताव रखा गया है।
- इस निकाय में ऑनलाइन गेमिंग, सार्वजनिक नीति, आई.टी., मनोविज्ञान और चिकित्सा सहित विविध क्षेत्रों के पाँच सदस्यों वाला एक निदेशक मंडल होगा।
- ऑनलाइन खेलों को स्व-नियामक निकाय के साथ पंजीकृत करना होगा और केवल निकाय द्वारा स्वीकृत खेलों को ही भारत में कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति होगी।
ऑनलाइन गेमिंग की सामग्री का विनियमन
- ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को खेलों के परिणाम पर सट्टा लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही, सरकार ऑनलाइन गेमिंग की सामग्री को विनियमित कर सकती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन खेलों में हिंसक, नशे की आदत या यौन सामग्री नहीं है।
- इन पंजीकृत खेलों में ऐसी कोई सामग्री नहीं होनी चाहिये, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध या सार्वजनिक व्यवस्था को प्रभावित करती हो।
अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति
- ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह एक अनुपालन अधिकारी नियुक्त करना होगा। इसके कार्यों में निम्नलिखित शामिल है-
- निर्धारित मानदंडों का पालन करवाना;
- एक नोडल अधिकारी के रूप में सरकार के साथ संपर्क अधिकारी की भूमिका निभाना;
- कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करना;
- शिकायत अधिकारी के रूप में उपयोगकर्ता की शिकायतों का समाधान करना।
- इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन गेमिंग फर्मों को उपयोगकर्ताओं के केवाईसी KYC), पारदर्शी निकासी, धन की वापसी आदि पर भी ध्यान देना चाहिये।
- के.वाई.सी. हेतु इन्हें भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित संस्थाओं के लिये निर्धारित मानदंडों का पालन करना होगा।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र
- भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का राजस्व वर्ष 2022 में 1.5 अरब डॉलर से अधिक था, जो वर्ष 2025 तक 5 अरब डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
- भारत में मोबाइल गेमिंग उद्योग वर्ष 2017-2020 के बीच 38% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा, जबकि चीन में यह 8% तथा अमेरिका में 10% की वृद्धि दर से बढ़ा था।
- गेमिंग उद्योग में भारत के नए भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं (NPUs) का प्रतिशत लगातार दो वर्षों में विश्व में सबसे तेजी से बढ़ रहा है, जो वर्ष 2020 में 40% और वर्ष 2021 में 50% की दर से बढ़ा।
निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण
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क्रिप्टोकरेंसी एवं ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में जागरूकता बढ़ाने के लिये ‘निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण’ (Investor Education and Protection Fund Authority : IEPFA) द्वारा हाल ही में एक आउटरीच कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
प्राधिकरण के बारे में
- इस प्राधिकरण की स्थापना वर्ष 2016 में कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष का प्रबंधन करना है।
- यह प्राधिकरण निवेशकों की शिक्षा, जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देने के लिये कार्य करता है।
प्राधिकरण के कार्य
- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में समान रूप से निवेश संबंधी शिक्षा को घरेलू निवेशकों, गृहिणियों एवं पेशेवरों तक पहुँचाना है।
- इसके फोकस क्षेत्रों में प्राथमिक एवं द्वितीयक पूंजी बाजार, विभिन्न बचत साधन, निवेश के साधन (जैसे- म्यूचुअल फंड, इक्विटी), निवेशकों को संदिग्ध पोंजी एवं चिट फंड योजनाओं और मौजूदा शिकायत निवारण तंत्र के संबंध में जागरूक करना शामिल है।
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