संदर्भ
हाल ही में, गुजरात सरकार ने ड्रैगन फल का नाम बदलकर 'कमलम' रखने का फैसला किया है।
ड्रैगन फल
- ड्रैगन फल का वैज्ञानिक नाम ‘हिलोसेरस अंडस’ (Hiloceras Undus) है। यह जंगली कैक्टस प्रजाति से संबंधित है तथा यह दक्षिण एवं मध्य अमेरिका का देशज फल है, जिसे यहाँ पिटाया या पिटाहाया के नाम से जाना जाता है।
- इसकी बाहरी परतों पर ड्रैगन के समान काँटें होते हैं, जिस कारण वर्ष 1963 में इसे ड्रैगन नाम दिया गया था। हिंदी में इसे पिताया के नाम से जाना जाता है।
- फल का आकार कमल के फूल के समान दिखाई देता है इस कारण इसे ‘कमलम’ नाम दिया जाएगा, जो संस्कृत भाषा का एक शब्द है।
- यह निर्णय ‘मुख्यमंत्री बागवानी विकास मिशन’ के शुभारंभ पर लिया गया, जो अनुत्पादक भूमि पार्सल में बागवानी को बढ़ावा देने की योजना है।
- इसका उपयोग रक्तचाप, मधुमेह तथा कैंसर जैसी बीमारियों में किया जाता है और यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होता है
अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी
- वियतनाम विश्व में ड्रैगन फल का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है देश है, जहाँ इसका पौधा 19 वीं शताब्दी में फ्रांस से लाया गया था। वियतनाम में इसे थांह लॉन्ग (Thanh Long) कहा जाता है, जिसका अर्थ ‘ड्रैगन की आँख’ है, जिसकी उत्पत्ति इसके समान अंग्रेजी शब्द से मानी जाती है।
- इसकी खेती अमेरिका, कैरीबियन देशों, दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत, चीन, वियतनाम, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में की जाती है
- भारत में इसे 1990 के दशक में लाया गया था। इसे कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में उगाया जाता है।
- यह सभी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, तथा इसके लिये अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है।