चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारत सरकार ने देश में ड्रोन के संचालन के लिये ड्रोन पायलट लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- आदेश के अनुसार, गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों हेतु 2 किलोग्राम तक के ड्रोन के संचालन के लिये पायलट प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि रिमोट पायलट सर्टिफिकेट (आर.पी.सी) ही भारत में ड्रोन के संचालन के लिये पर्याप्त होगा।
- विदित है कि आर.पी.सी, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (D.G.C.I.) द्वारा अनुमोदित ड्रोन स्कूल की एकल खिड़की डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से जारी की जाती है।
- सरकार ने यह आदेश ड्रोन के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत कुछ अपवादों के साथ ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाने व उदारीकृत ड्रोन नियमों को बढ़ावा देने के लिये पारित किया है।
भारत में ड्रोन उड़ाने के सामान्य नियम
- नैनो श्रेणी के ड्रोन को छोड़कर सभी ड्रोन एक विशिष्ट पहचान संख्या (यू.आई.एन) वाले व पंजीकृत होने चाहिये।
- ड्रोन को 400 फीट से अधिक लम्बवत् ऊँचाई पर नहीं उड़ाया जा सकता है।
- ड्रोन को ‘नो फ्लाई ज़ोन’ के रूप में निर्दिष्ट क्षेत्रों में नहीं उड़ाया जा सकता है, जिसमें हवाई अड्डों के पास के क्षेत्र, अंतर्राष्ट्रीय सीमाएँ, दिल्ली में विजय चौक, राज्य की राजधानियों में राज्य सचिवालय परिसर, रणनीतिक स्थान व सैन्य प्रतिष्ठान शामिल हैं।
भारत में ड्रोन श्रेणियाँ
- नैनो: 250 ग्राम या इससे कम
- सूक्ष्म: 250 ग्राम से 2 किग्रा. तक
- छोटा: 2 किग्रा. से 25 किग्रा. तक
- मध्यम: 25 किग्रा. से 150 किग्रा. तक
- वृहद्: 150 किग्रा. से अधिक