चर्चा में क्यों
रूस के साथ बढ़ते तनाव के जवाब में छह नाटो देशों ने रूस के साथ अपनी सीमाओं पर एक ड्रोन दीवार बनाने की घोषणा की है।
उद्देश्य
- इस हाई-टेक पहल का उद्देश्य निरंतर निगरानी के लिए मानव रहित हवाई वाहनों और खतरों का मुकाबला करने के लिए ड्रोन-रोधी प्रणालियों का उपयोग करके सीमा सुरक्षा को बढ़ाना है।
- ड्रोन वॉल की तैनाती करने वाले छह नाटो देश हैं :
- लिथुआनिया
- लातविया
- एस्टोनिया
- पोलैंड
- फ़िनलैंड
- नॉर्वे
ड्रोन वॉल की विशेषताएँ
- ड्रोन दीवार का निर्माण मानव रहित हवाई वाहनों और उन्नत निगरानी प्रौद्योगिकियों के संयोजन का उपयोग करके किया जाएगा।
- सीमा गतिविधियों पर लगातार नजर रखने के लिए सेंसर और कैमरों से यक्त विभिन्न ड्रोन्स का उपयोग।
- किसी भी विरोधी ड्रोन का मुकाबला करने के लिए ये एंटी-ड्रोन सिस्टम से सुसज्जित होंगे।
ड्रोन वॉल की आवश्यकता
- यूक्रेन में रूस की कार्रवाइयों तथा उसके व्यापक भू-राजनीतिक रुख के कारण तनाव एवं सुरक्षा चिंताओं के बीच ड्रोन दीवार का प्रस्ताव आया है। इसके प्राथमिक कारणों में शामिल हैं:
- निवारक क्षमता (Deterrence)
- निगरानी और सीमा सुरक्षा को बढ़ाकर नाटो का उद्देश्य रूस द्वारा संभावित आक्रामकता को नियंत्रित करना है।
- कई नाटो देशों का मानना है कि रूस अगले पाँच से दस वर्षों में नाटो की सीमाओं का परीक्षण कर सकता है।
- उकसावे का जवाब
- हालिया कुछ वर्षों में सभी छह नाटो देशों ने रूस से हाइब्रिड हमलों का अनुभव किया है।
- इन हमलों में गैर-सैन्य उपाय शामिल हैं जिन्हें प्राय: अस्वीकार किया जा सकता है।
- रूस के ड्रोन और हवाई क्षेत्र में घुसपैठ में वृद्धि ने मजबूत रक्षात्मक उपायों की आवश्यकता को प्रेरित किया है।
तस्करी और अवैध गतिविधियों को रोकना
-
- ड्रोन वॉल से तस्करी और अन्य अवैध गतिविधियों पर भी अंकुश लगने की संभावना है।
- इस प्रणाली का उद्देश्य तस्करी और आगे की उकसावेबाजी को रोकना तथा रक्षा में सहायता करना होगा।
ड्रोन वॉल के निर्माण में चुनौतियाँ
- तकनीकी एकीकरण : विभिन्न राष्ट्रीय प्रणालियों व प्रौद्योगिकियों का निर्बाध एकीकरण प्राप्त करना जटिल हो सकता है। इसके लिए महत्वपूर्ण समन्वय की आवश्यकता होती है।
- वित्तीय बाधाएँ : ड्रोन और एंटी-ड्रोन सिस्टम प्राप्त करने, तैनात करने और उसके रखरखाव की लागत अधिक हो सकती है। ऐसे में तैनाती के लिए यूरोपीय संघ से पर्याप्त धन प्राप्त करना महत्वपूर्ण होगा।
- भौगोलिक और पर्यावरणीय कारक : व्यापक सीमाओं के साथ विविध भूभाग और मौसम की स्थिति ड्रोन निगरानी के लिए परिचालन संबंधी चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकती हैं।
- राजनीतिक और कूटनीतिक बाधाएँ : विभिन्न राजनीतिक परिदृश्यों और प्राथमिकताओं वाले कई देशों के बीच इतने बड़े पैमाने पर परियोजना का समन्वय करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
ड्रोन वॉल स्थापना के पूर्व के प्रयास
- ड्रोन वॉल की अवधारणा अपेक्षाकृत नई है लेकिन सीमा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का पूर्व में भी उपयोग किया गया है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने अवैध आव्रजन और तस्करी से निपटने के लिए अपनी दक्षिणी सीमा पर निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग किया है।
- इज़रायल ने भी घुसपैठ की निगरानी एवं रोकथाम के लिए अपनी सीमाओं पर ड्रोन सहित उन्नत निगरानी प्रणाली तैनात की है।