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नामीबिया में सूखा संकट

प्रारंभिक परीक्षा

(अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम) 

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय)

संदर्भ

  • नामीबिया सरकार ने देश में भूख से पीड़ित लोगों को भोजन (मांस) उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न उद्यानों (पार्कों) के हाथियों एवं दरियाई घोड़े सहित 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने की स्वीकृति प्रदान की है।
    • इन पार्कों में नामीब-नौक्लुफ़्ट उद्यान, मंगेती राष्ट्रीय उद्यान, ब्वाबवाटा राष्ट्रीय उद्यान, मुदुमु राष्ट्रीय उद्यान और नकासा रूपारा राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं।
  • नामीबिया में 24,000 हाथियों सहित महत्वपूर्ण संख्या में वन्यजीव हैं जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी में से एक है। यह शुष्क दक्षिणी अफ्रीकी क्षेत्र 100 वर्षों में सर्वाधिक सूखे की समस्या से जूझ रहा है। 
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सूखे के परिणामस्वरूप देश के लगभग 84% खाद्य भंडार समाप्त हो गए हैं तथा 2.5 मिलियन जनसंख्या में से लगभग आधे लोगों को जुलाई 2024 से सितंबर 2024 के दौरान उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है।

सूखा पड़ने का कारण 

  • जलवायु परिवर्तन : तापमान में वृद्धि और मौसम के बदलते प्रतिरूप के कारण वर्षा में कमी आई है। 
    • वैज्ञानिकों के अनुसार, फरवरी में यहाँ बारिश का मौसम सामान्य रूप से चरम पर होता था किंतु इस क्षेत्र में आवश्यक वर्षा से 20% से भी कम बारिश हुई।
  • एल नीनो मौसमी घटना : यह घटना प्राय: वैश्विक तापमान में वृद्धि करती है। वर्तमान में यह मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर सामान्य से भी बदतर सूखे की स्थिति को जन्म दे रही है। 
    • वर्ष 2023-2024 का अल नीनो को रिकॉर्ड किए गए इतिहास में चौथी सबसे शक्तिशाली अल नीनो-दक्षिणी दोलन घटना माना गया है जिसके परिणामस्वरूप दुनिया भर में व्यापक सूखा, बाढ़ व अन्य प्राकृतिक आपदाएँ हुई हैं।
    • वस्तुत: हालिया समय में नामीबिया, जिम्बाब्वे, मलावी एवं जाम्बिया ने सूखे को लेकर आपात स्थिति घोषित कर दी है।
  • प्राकृतिक परिवर्तनशीलता : नामीबिया की शुष्क से अर्ध-शुष्क जलवायु का अर्थ है कि सूखा इसकी जलवायु परिवर्तनशीलता का एक स्वाभाविक हिस्सा है। हालांकि, जलवायु परिवर्तन से इसकी तीव्रता में वृद्धि हुई है।

सूखे का प्रभाव 

  • पानी की कमी : जल संसाधनों की कमी से पेयजल आपूर्ति एवं कृषि सिंचाई प्रभावित होती है। 
    • उदाहरण के लिए, ज़ाम्बेजी नदी जैसे जलाशयों का स्तर गिर गया है, जिससे मानव उपयोग एवं कृषि दोनों के लिए पानी की उपलब्धता प्रभावित हुई है।
  • कृषि नुकसान : नामीबिया कृषि एवं पशुधन पर निर्भर है, जिसके लिए पर्याप्त बारिश की ज़रूरत होती है। 
    • वर्ष 2013 से 2019 के बीच तीन बार सूखे की आपात स्थिति घोषित की गयी है, जिससे खाद्य उत्पादन प्रभावित हुआ है।
  • आर्थिक तनाव : पानी, भोजन एवं ऊर्जा की बढ़ी हुई लागत और कृषि उत्पादकता में कमी से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है।
    • सूखे के कारण खाद्य पदार्थों के आयात की लागत बढ़ गई है और किसानों की आय कम हो गई है। इससे राष्ट्रीय बजट पर दबाव पड़ रहा है।
  • मानव स्वास्थ्य : अपर्याप्त जलापूर्ति के कारण कुपोषण, निर्जलीकरण एवं स्वच्छता की कमी से संबंधित बीमारियों का जोखिम बढ़ गया है। इससे हैजा जैसी बीमारियों का प्रसार हो रहा है। 
    • संयुक्त राष्ट्र (UN) के अनुसार, मौजूदा सूखा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों में गंभीर कुपोषण और कुछ मामलों में मौत के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है।
  • महिलाओं व बालिकाओं के विरुद्ध हिंसा : UN के अनुसार, बहुत सी महिलाओं व बालिकाओं को आमतौर पर अपने परिवार के लिए पानी लाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उनके खिलाफ हिंसा का खतरा भी बढ़ जाता है।
  • पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव : सूखे से स्थानीय वन्यजीव एवं वनस्पति जीवन प्रभावित होता है, जिससे जैव विविधता का नुकसान होता है और आवास का क्षरण होता है।
    • नामीबिया के पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, सामान्य से अधिक शुष्क परिस्थितियों से मानव-वन्यजीव संघर्ष में वृद्धि हो रही हैं क्योंकि मनुष्य एवं जानवरों के मध्य जल व भूमि संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा हो रही है।

सूखे की स्थिति का सामना करने के लिए सुझाव

  • जलवायु अनुकूलन पर बल : जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए अनुकूलित रणनीतियों को विकसित एवं कार्यान्वित किया जाना चाहिए। 
    • इसके लिए, जलवायु-लचीली फसलों और जल-संचय तकनीकों के लिए अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी में निवेश किया जा सकता है।
  • जल प्रबंधन को बढ़ावा : जल भंडारण व वितरण के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार किए जाने की जरूरत है और स्थायी जल उपयोग प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
    • इसके लिए, जलाशयों के निर्माण का विस्तार और जल पुनर्चक्रण एवं विलवणीकरण प्रौद्योगिकियों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  • संधारणीय कृषि को बढ़ावा : ऐसी प्रथाओं का समर्थन किया जाना चाहिए, जो मृदा स्वास्थ्य में वृद्धि करती हैं और कृषि प्रणालियों में सूखे के प्रति लचीलापन बढ़ाती हैं।
    • इसके लिए, संरक्षित जुताई, कृषि वानिकी एवं सूखा प्रतिरोधी फसल किस्मों को अपनाने को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
  • सार्वजनिक जागरूकता : समुदायों को जल संरक्षण, सूखे की तैयारी एवं जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के बारे में शिक्षित किया जाना जरूरी है।
    • इसके लिए, स्थानीय समुदायों और हितधारकों के लिए जागरूकता अभियान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा सकता है।
  • क्षेत्रीय सहयोग को महत्व : सूखा प्रबंधन के लिए संसाधनों, ज्ञान एवं रणनीतियों को साझा करने के लिए पड़ोसी देशों व क्षेत्रीय संगठनों के साथ सहयोग किया जाना चाहिए।

नामीबिया के बारे में 

  • अवस्थिति : अफ्रीका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित देश 
    • इसकी सीमा उत्तर में अंगोला, उत्तर-पूर्व में जाम्बिया, पूर्व में बोत्सवाना, दक्षिण-पूर्व एवं दक्षिण में दक्षिण अफ्रीका और पश्चिम में अटलांटिक महासागर से लगती है।
  • स्थलाकृतिक क्षेत्र : पश्चिम से पूर्व तक तीन मुख्य स्थलाकृतिक क्षेत्रों में विभाजित- तटीय नामीब रेगिस्तान, केंद्रीय पठार एवं कालाहारी।
  • नदियाँ : कुनेने (क्यूनेने), ओकावांगो (क्यूबांगो), माशी (क्वांडो) और उत्तरी सीमा पर ज़ाम्बेज़ी तथा दक्षिणी सीमा पर ऑरेंज।

अन्य तथ्य 

  • नामीबिया के लगभग 85% लोग अश्वेत, 5% यूरोपीय वंश के और 10% अन्य लोग हैं।
  • यहाँ की राष्ट्रीय भाषा अंग्रेजी है। हालाँकि, यह केवल 3% लोगों की ही मातृ भाषा है।
  • देश की लगभग 80 से 90% आबादी ईसाई धर्म को मानती है।
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