New
The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

ई-फ्लो पारिस्थितिक निगरानी प्रणाली

चर्चा में क्यों

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गंगा नदी के जल की गुणवत्ता के वास्तविक समय विश्लेषण के लिए ई-फ्लो पारिस्थितिक निगरानी प्रणाली का शुभारंभ किया गया।

क्या है ई-फ्लो पारिस्थितिक निगरानी प्रणाली

  • ई-फ्लो पारिस्थितिक निगरानी प्रणाली को जल शक्ति मंत्रालय की एक शाखा, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा विकसित किया गया है।
  • यह प्रणाली गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों की जल गुणवत्ता का वास्तविक समय विश्लेषण करने की अनुमति देती है।
  • इस प्रणाली द्वारा विभिन्न स्थानों पर नदी के जल की गुणवत्ता की भी निगरानी की जाती है।

उपयोगिता 

  • ई-फ्लो पारिस्थितिक निगरानी प्रणाली की शुरुआत गंगा नदी के निरंतर और टिकाऊ प्रवाह को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • इस प्रणाली से परियोजनाओं की योजना बनाने एवं नदी के पानी की गुणवत्ता की निगरानी करने और अन्य प्रमुख मापदंडों में मदद मिलेगी।
  • यह केंद्रीय स्तर पर नमामि गंगे कार्यक्रम की गतिविधियों की निगरानी करेगा, जिसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के प्रदर्शन की निगरानी और वे अपनी निर्धारित क्षमता पर काम करें, सुनिश्चित करना शामिल हैं।  
  • इस प्रणाली द्वारा केंद्रीय जल आयोग की तिमाही रिपोर्टों के आंकड़ों का उपयोग करते हुए, गंगा की मुख्य धारा के साथ 11 अन्य परियोजनाओं में इन-फ्लो, आउट-फ्लो और अनिवार्य ई-फ्लो जैसे प्रमुख मापदंडों की निगरानी की जा सकेगी।

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन 

  • राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) को सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत अगस्त, 2011 में एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया था।
  • मिशन का कार्यान्वयन “गंगा नदी के कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय परिषद” द्वारा किया जाता है, जिसे ‘राष्ट्रीय गंगा परिषद’ भी कहा जाता है।  
  • NMCG के लक्ष्य और उद्देश्य राष्ट्रीय गंगा नदी घाटी प्राधिकरण के कार्यक्रमों को क्रियान्वित करना है:-
    • समन्वय अंतर क्षेत्रीय व्यापक योजना और प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए एक नदी बेसिन दृष्टिकोण अपनाकर गंगा नदी के संरक्षरण के लिए प्रदूषण में प्रभावी कमी सुनिश्चित करना।
    • पानी की गुणवत्ता और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाउ विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गंगा नदी में न्यूनतम पारिस्थितिक प्रवाह बनाए रखना।
  • दृष्टिकोण: गंगा नदी में कोई गैर-उपचारित नगरपालिका मल-व्ययन अथवा औद्योगिक बहि:स्राव प्रवाहित न किया जाए। 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X