चर्चा में क्यों
हाल ही में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) की प्रमुख योजना- आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के साथ ई-संजीवनी को एकीकृत किये जाने की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिंदु
- ई-संजीवनी के उपयोगकर्ता अपना 14-अंक का अद्वितीय आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) बना सकते हैं और अपने मौजूदा स्वास्थ्य रिकॉर्ड को इससे जोड़ सकते हैं।
- इस एकीकरण का उद्देश्य टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी के मौजूदा उपयोगकर्ताओं को आसानी से ए.बी.एच.ए. बनाने, डॉक्टरी सलाह लेने, लैब रिपोर्ट आदि की सुविधा प्रदान करना है।
- उपयोगकर्ता ई-संजीवनी पर डॉक्टरों के साथ अपने हेल्थ रिकॉर्ड को साझा करने में भी सक्षम होंगे जो बेहतर नैदानिक निर्णय लेने (clinical decision making) और देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।
- ई-संजीवनी के एकीकरण के माध्यम से 22 करोड़ ए.बी.एच.ए. धारक ई-संजीवनी के माध्यम से बनाए गए अपने स्वास्थ्य रिकॉर्ड को हेल्थ लॉकर में लिंक और स्टोर कर सकते हैं।
ई-संजीवनी
- यह भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक मुफ्त टेलीमेडिसिन सेवा है। ई-संजीवनी सेवा दो रूपों में उपलब्ध है।
- पहला, ‘ई-संजीवनी आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र’ (ए.बी.-एच.डब्ल्यू.सी.) एक डॉक्टर-टू-डॉक्टर टेलीमेडिसिन सेवा है, जिसके माध्यम से एच.डब्ल्यू.सी. में जाने वाले लाभार्थी डॉक्टरों/विशेषज्ञों/अस्पताल/मेडिकल कॉलेज आदि से जुड़ सकते हैं। यह सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों और पृथक समुदायों (Isolated Communities) को सामान्य एवं विशिष्ट स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सक्षम बनाता है।
- दूसरा, ‘ई-संजीवनी ओ.पी.डी.’ जो देश भर के मरीजों को सीधे डॉक्टरों से जोड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि दोनों वेरिएंट - ई-संजीवनी ए.बी.-एच.डब्ल्यू.सी. और ई-संजीवनी ओ.पी.डी. को ए.बी.डी.एम. प्लेटफॉर्म के साथ एकीकृत किया गया है।