प्रारम्भिक परीक्षा – भूकंप , भूकंप का प्रभाव, भूकंपी तरंग, भूकंप उद्गम केंद्र या भूकंप मूल, मरकेली पैमाना , रिक्टर पैमाना, भूकंप के कारण, प्लेट विवर्तनिकी, सुनामी मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
संदर्भ
- जापान में 100 साल पहले 4 सितंबर 1923 को आए भूकंप ने अत्यधिक विनाश किया था।
प्रमुख बिंदु
- जापान दो प्लेटों यूरेशिया एवं परि-प्रशांत प्लेट के मध्य स्थित है।जिस कारण यहाँ लगभग प्रतिदिन भूकंप के झटके महसूस किये जाते हैं। यही भूकंप कभी कभी इतने तीव्र होते हैं कि यहाँ अत्यधिक क्षति का सामना करना पड़ता है।
भूकंप
- भू-पटल में होने वाले अंतर्जनित आकस्मिक कंपन या संचलन, जिसकी उत्पत्ति प्राकृतिक रूप से भू-तल के नीचे (भू-गर्भ में) होती है, भूकंप कहलाते हैं।
- सामान्यतः भूकंप की उत्पत्ति विवर्तनिक क्रिया, ज्वालामुखी क्रिया, समस्थितिक समायोजन के कारण भूपटल तथा उसकी चट्टानों में संपीडन एवं तनाव के चलते चट्टानों में उथल-पुथल होने के कारण होती है
- ज्वालामुखी क्रिया द्वारा भू-गर्भ से तप्त मैग्मा, जल तथा गैसें आदि ऊपर निकलने के लिये चट्टानों पर तेजी से धक्के लगाती हैं तथा दबाव डालती हैं, जिसके कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं।
भूकंप का प्रभाव
- भूकंप विनाशकारी होते हैं, जिनसे तीव्रता के अनुसार, अधिक जन-धन की क्षति होती है। भूकंप से सागरों में अप्रत्याशित ऊंची लहरें उठती (ज्वार) है, जिससे तटीय क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ आ जाती है, पर्वतीय भागों में भूस्खलन होता है और अनेक स्थानों पर दरारें पड़ जाती हैं।
- इससे भूमि में उत्थान अथवा निमज्जन भी होता है। तीव्र भूकंप से भवन गिर जाते हैं, उनमें दरारें पड़ जाती हैं तथा अनेक नगर ध्वस्त हो जाते हैं।
भूकंपी तरंग (Seismic Wave)
- भूकंप मूल से उत्पन्न भूकंपीय तरंग सर्वप्रथम अधिकेंद्र (Epicentre) पर पहुँचकर विभिन्न दिशाओं में प्रसारित होने लगती है। साथ ही अधिकेंद्र से विभिन्न प्रकार की तरंगे अलग हो जाती है और पृथक-पृथक मार्ग एवं गति से अग्रसर होती हैं।
भूकंपी तरंगों के तीन प्रधान वर्ग हैं-
1. प्राथमिक या प्रधान तरंगें (Primary Waves, P-waves):
- इनकी गति सर्वाधिक होती है जो सीधे मार्ग से ठोस तथा तरल भाग से गुजरती हैं। प्राथमिक तरंगें ध्वनि तरंग के समान अनुदैर्ध्य तरंग होती हैं, जिनमें कणों का कंपन तरंग की दिशा के समानांतर होता है, इसलिये ही P-तरंगों की तीव्रता सबसे कम होती है।
2. अनुप्रस्थ तरंगे या गौण तरंगे (Transverse Waves or Secondary Waves-S-Waves):
- S-तरंग प्राथमिक तरंग के बाद प्रकट होती है और अपेक्षाकृत मंद गति से केवल ठोस माध्यम में चलती है। प्रकाश तरंग के समान अनुप्रस्थ होने के कारण कणों का कंपन तरंग की दिशा के लंबवत होता है, इसलिये S-तरंगों की तीव्रता, P-तरंगों की अपेक्षा अधिक होती है।
3. सतही तरंगें (Surface Waves):
- ये तरंगे पृथ्वी की सतह पर चलती है और पृथ्वी का पूर्ण चक्कर लगाकर अधिकेंद्र तक पहुँचती है, जिसके कारण इनका पथ सर्वाधिक लंबा होता है जिससे यह अधिकेंद्र पर सबसे बाद में पहुँचती हैं। ये तरंगें तरल पदार्थ से भी गुजर जाती हैं, सतह के समीप चलने के कारण ये सर्वाधिक विनाशकारी होती है।
4. रेलिग तरंग (Rayleigh Wave):
- यह एक प्रकार का सतही तरंग है जो पृथ्वी की सतह के समीप ठोस परतों में कंपन करती हैं। इस प्रकार की तरंग में कणों का कंपन तरंग की दिशा के अनुदैर्ध्य और अनुप्रस्थ दोनों प्रकार का होता है, इसलिये तरंग का मार्ग दीर्घवृत्ताकार (Elliptical) होता है।
भूकंप उद्गम केंद्र या भूकंप मूल (Seismic Focus):
- पृथ्वी की सतह के नीचे भू-पटल में स्थित वह केंद्र जहाँ से भूकंप की उत्पत्ति होती है, भूकंप उद्गम केंद्र कहलाता हैं। भूकंपी लहरें सर्वप्रथम यहाँ उत्पन्न होती है और अधिकेंद्र (Epicentre) की ओर अग्रसर होती हैं। विभिन्न भूकंपों के भूकंप मूल की गहराई भिन्न-भिन्न होती है।
भूकंप लेखी (Seismograph):
- यह एक ऐसा यंत्र है, जिसके द्वारा भूकंपीय तरंगों का अंकन किया जाता है। यह यंत्र भूकंप अधिकेंद्र पर लगा होता है। इसके द्वारा भूकंपीय तरंगों की उत्पत्ति केंद्र गति तथा प्रभावित क्षेत्र की जानकारी प्राप्त होती है।
भूकंपीय तीव्रता का मापन (Measurement of Earthquake Intensity):
- भूकंपों की तीव्रता का मापन वर्तमान समय में दो पैमानों के आधार पर किया जाता है- 1. मरकेली पैमाना तथा 2. रिक्टर पैमाना ।
भूकंप का विश्व वितरण (World Distribution of Earthquake):
- पृथ्वी की सतह पर भूकंपों एवं ज्वालामुखीयता से प्रभावित क्षेत्रों के विश्व वितरण में एक प्रकार का संबंध है, क्योंकि दोनों का ही संबंध भू-गर्भ में होने वाले अंतर्जनित भू-संचलन से है। पृथ्वी की सतह पर भूकंपों का वितरण पेटियों के रूप में फैले हुए क्षेत्रों में पाया जाता है, जिसे भूकंप पेटी कहते हैं।
- भूकंप की मुख्य पेटियों में 1. परि-प्रशांत महासागरीय पेटी 2. मध्य अटलांटिक पेटी तथा 3. मध्य महाद्वीपीय पेटी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं।
(i) परि-प्रशांत महासागरीय पेटी का विस्तार पूर्वी एशिया के कमचटका प्रायद्वीप से प्रारंभ होकर संपूर्ण पूर्वी एशिया के द्वीपों की चापाकार श्रृंखला (क्यूराइल, जापान, ताइवान, फिलीपींस व इंडोनेशिया) के द्वीप मलेशिया, पूर्वी ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड तक है।
पूर्वी प्रशांत महासागर में इसका विस्तार संपूर्ण तटीय एवं अल्पाइन पर्वतीय भागों में है। प्रशांत महासागर के किनारों के निकट चारों ओर विस्तृत इसी क्षेत्र में विश्व के दो-तिहाई से अधिक भूकंप आते रहते हैं।
(ii) मध्य अटलांटिक महासागर में पश्चिमी द्वीपसमूह से लेकर भूमध्य सागर के तटीय भाग अटलांटिक पेटी में सम्मिलित हैं।
(iii) मध्य महाद्वीपीय पेटी में भूमध्य सागरीय पेटी का ही एशिया के पर्वतीय भाग की तलहटी में विस्तृत कमजोर भाग सम्मिलित हैं। यहाँ पर कभी-कभी विशेष नुकसान पहुँचाने वाले भूकंप की भी उत्पत्ति होती है।
(iv) इसके अतिरिक्त, विश्व के कुछ बिखरे क्षेत्रों में भी अचानक भूकंप आते रहते हैं। इनमें से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र, पूर्वी अफ्रीका की महान दरार घाटी के आसपास विस्तृत हैं।
भूकंप के कारण (Causes of Earthquake)
प्लेट विवर्तनिकी एवं भूकंप (Plate Tectonic and Earthquake)
- भूकंपों से प्रभावित क्षेत्रों के विश्व वितरण मानचित्र अध्ययन से यह स्पष्ट हो जाता है कि अधिकांश विवर्तनिक घटनाएँ भूकंप प्लेट की सीमाओं के सहारे ही घटित होती है, क्योंकि प्लेटों के संचलन के कारण विभिन्न प्रकार के असंतुलन की घटनाएँ होती हैं।
- रचनात्मक अर्थात् अपसारी प्लेट सीमा के सहारे ऊपर उठने वाली संवहन तरंग का भू-पटल के नीचे अपसरण से उत्पन्न तनावमूलक बल के द्वारा भ्रंश के विस्तार से भूकंपीय तरंगों की उत्पत्ति होती है। सामान्यतः रचनात्मक प्लेट सीमाओं के सहारे छिछले एवं मध्यम उद्गम केंद्र वाले भूकंप आते हैं।
- इस प्रकार मध्य अटलांटिक कटक, मध्य हिंद महासागरीय कटक एवं पूर्वी प्रशांत महासागरीय कटक के सहारे दो प्लेटों के विपरीत दिशाओं में अपसरण के कारण भूकंप आते हैं।
- विनाशी अर्थात् अभिसारी प्लेट के सहारे छिछले, मध्यम उद्गम केंद्र वाले भूकंप आते हैं। प्लेटों के अभिसरण एवं टक्कर से उत्पन्न होने वाले अत्यधिक संपीडन बल के कारण वलित पर्वतीय क्षेत्र में भ्रंशन की क्रिया से छिछले उद्गम केंद्र वाले भूकंप की उत्पत्ति होती है। जबकि, अधिक घनत्व वाली प्लेट के क्षेपण के समय क्षेपित प्लेट एवं मेंटल के मध्य उत्पन्न घर्षण बल से मध्यम उद्गम केंद्र वाले भूकंप की उत्पत्ति होती है।
- वहीं अत्यधिक गहराई में क्षेपित प्लेट के तापमान में वृद्धि के कारण क्रस्ट के आंशिक गलन से मैग्मा की उत्पत्ति होती है।
- जब यही मैग्मा, मेंटल की विभिन्न परतों को तोड़ते हुए ऊपर आता हैं तो गहरे उद्गम केंद्र वाले भूकंप की उत्पत्ति होती है।
- इस प्रकार अभिसारी प्लेट पर आने वाले भूकंप का भूकंप मूल 700 किमी. की गहराई तक होता है।
- परि-प्रशांत भूकंपीय मेखला के सहारे अधिकांश भूकंप प्लेटों के अभिसरण तथा टकराव के कारण ही आते हैं।
- उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी सीमांत भागों के सहारे आने वाले भूकंपों की उत्पत्ति उत्तरी अमेरिकी प्लेट के नीचे प्रशांत महासागरीय प्लेट के क्षेपण के कारण होती है।
- इसी प्रकार एशिया के पूर्वी किनारे के सहारे आने वाले भूकंप एशियाई प्लेट के नीचे प्रशांत महासागरीय प्लेट के क्षेपण के कारण आते हैं।
- एशियाई प्लेट के नीचे भारतीय प्लेट तथा यूरोपीय प्लेट के नीचे अफ्रीकी प्लेट के क्षेपण के कारण मध्य महाद्वीपीय मेखला के भूकंप आते हैं।
- संरक्षी प्लेट सीमा के सहारे प्लेटों के समानांतर संचलन से रूपांतर भ्रंश का विकास होने के कारण छिछले उद्गम केंद्र के भूकंप आते हैं। कैलिफोर्निया की खाड़ी में रूपांतर भ्रंश के निर्माण के कारण प्रचंड भूकंप आते हैं।
सुनामी (Tsunami)
- सागरीय भूकंप तरंग (सुनामी-Tsunami): सु-ना-मी जापानी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है तट पर आती हुई समुद्री लहरें। ये बहुत लंबी व कम कंपन वाली समुद्री लहरें हैं, जो महासागरीय भूकंपों के प्रभाव से उत्पन्न होती हैं।
- सुनामी लहरों के साथ जल की गति संपूर्ण गहराई तक होती है, इसलिये ये अधिक प्रलयकारी होती हैं।
- सुनामी लहरों की दृष्टि से प्रशांत महासागर सबसे खतरनाक क्षेत्र है। महासागरीय प्लेटों के अभिसरण क्षेत्र में ये सर्वाधिक शक्तिशाली होती हैं।
- इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में 26 दिसंबर, 2004 को हिंद महासागर के तल के नीचे उत्पन्न सुनामी लहरें भारतीय प्लेट के बर्मी प्लेट के नीचे क्षेपण का परिणाम थी।
- भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 8.9 दर्ज की गई थी, जिसके कारण प्रलयकारी सुनामी लहरों की उत्पत्ति हुई। साथ ही, इंडोनेशिया, मलेशिया, श्रीलंका एवं भारत समेत कुल 11 देश इन लहरों की चपेट में आए। भारत में तमिलनाडु का नागपट्टनम जिला इससे सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र था।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
- P-तरंगों की तीव्रता, S -तरंगों की अपेक्षा अधिक होती है।
- प्राथमिक तरंगें ध्वनि तरंग के समान अनुदैर्ध्य तरंग होती हैं।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न 1 और ना ही 2
उत्तर - (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न - भूकंप क्या है? इससे वैश्विक स्तर पर पड़ने वाले प्रभावों की व्याख्या कीजिए।
|