प्रारंभिक परीक्षा –भूकंप मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-1 और 3 |
संदर्भ
- नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, 3 अक्टूबर 2023 को नेपाल में चार भूकंप आये जिनकी तीव्रता 6.2-6.3 थी।
प्रमुख बिंदु
- यह भूकंप दोपहर लगभग 2.25pm बजे नेपाल तथा दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में एक के बाद एक भूकंप के कई झटके महसूस किए गए।
- भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 700 किमी दूर पश्चिम में बझांग जिले में जमीन से करीब 15 किमी की गहराई में था।
भूकंप प्रभावित क्षेत्र
- इससे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, चंडीगढ़ और जयपुर समेत उत्तर भारत के अन्य हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए।
- उत्तराखंड की तीर्थनगरी जोशीमठ से 206 किलोमीटर दक्षिणपूर्व और लखनऊ से 284 किलोमीटर दूर इस बझांग में रिक्टर पैमाने पर 5.3 की तीव्रता का पहला झटका दोपहर 2:40 पर आया। उसके बाद अपराह्न 3:06 बजे 6.3 तीव्रता का दूसरा भूकंप आया।
- नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, शाम करीब 5:30 बजे तक वहां भूकंप के छह और झटके महसूस किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 के बीच थी।
- इससे पहले नेपाल में 25 अप्रैल, 2015 को 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था।
नेपाल तथा दिल्ली-NCR सहित उत्तर भारत में आये भूकंप का कारण
- प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत के अनुसार, भूकंप प्लेट की सीमाओं के सहारे ही घटित होती है, क्योंकि प्लेटों के संचलन के कारण विभिन्न प्रकार के असंतुलन की घटनाएँ होती हैं।
- यूरेशियाई प्लेट एवं भारतीय प्लेट के अभिसरण एवं टक्कर से उत्पन्न होने वाले अत्यधिक संपीडन बल के कारण वलित पर्वतीय क्षेत्र अर्थात हिमालय पर्वतीय क्षेत्र, नेपाल तथा उत्तर भारत में भूकंप आते हैं। क्योंकि अधिक घनत्व वाली यूरेशियाई प्लेट में भारतीय प्लेट का क्षेपण हो रहा है। यह भूकंप कभी-कभी अत्यधिक विनाशकारी भी होते हैं जैसे- नेपाल में 25 अप्रैल, 2015 को 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप के आने से अत्यधिक विनाश हुआ था।
- इस प्रकार अभिसारी प्लेट पर आने वाले भूकंप का भूकंप मूल 700 किमी. की गहराई तक होता है।
भूकंप का प्रभाव
- भूकंप के प्रभाव से नेपाल में कई लोग घायल हो गए तथा कई घर क्षतिग्रस्त हो गए।
भारत में भूकंप संभावित क्षेत्र
- भारत में भूकंप संभावित क्षेत्र की पहचान भूकंपीयता से संबंधित वैज्ञानिकों के आधार पर की गई है, भूकंप क्षेत्र के अतीत और टेक्टॉनिक संरचना में हुआ है।
- इन सूचनाओं के आधार पर भारत को चार भूकंपीय क्षेत्र/जोन II, III, IV, और V में रखा गया है ।
- भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने वर्ष 1935 में पहली बार देशों के भूकंपीय जोनिंग मानचित्र को प्रकाशित किया।
भूकंप उद्गम केंद्र या भूकंप मूल (Seismic Focus):
- पृथ्वी की सतह के नीचे भू-पटल में स्थित वह केंद्र जहाँ से भूकंप की उत्पत्ति होती है, भूकंप उद्गम केंद्र कहलाता हैं। भूकंपी लहरें सर्वप्रथम यहाँ उत्पन्न होती है और अधिकेंद्र (Epicentre) की ओर अग्रसर होती हैं। विभिन्न भूकंपों के भूकंप मूल की गहराई भिन्न-भिन्न होती है।
भूकंप लेखी (Seismograph):
- यह एक ऐसा यंत्र है, जिसके द्वारा भूकंपीय तरंगों का अंकन किया जाता है। यह यंत्र भूकंप अधिकेंद्र पर लगा होता है। इसके द्वारा भूकंपीय तरंगों की उत्पत्ति केंद्र गति तथा प्रभावित क्षेत्र की जानकारी प्राप्त होती है।
भूकंपीय तीव्रता का मापन (Measurement of Earthquake Intensity):
- भूकंपों की तीव्रता का मापन वर्तमान समय में दो पैमानों के आधार पर किया जाता है- 1. मरकेली पैमाना तथा 2. रिक्टर पैमाना ।
- नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, 3 अक्टूबर 2023 को नेपाल में चार भूकंप आये जिनकी तीव्रता 6.2-6.3 थी।
प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1.नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, 3 अक्टूबर 2023 को नेपाल में 6.2-6.3 की तीव्रता के भूकंप आये थे ।
- भूकंप का केंद्र नेपाल की राजधानी काठमांडू से 700 किमी दूर पश्चिम में बझांग जिले में जमीन से करीब 15 किमी की गहराई में था।
- इससे पहले नेपाल में 25 अप्रैल, 2014 को 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : अभी हाल ही में 3 अक्टूबर 2023 को नेपाल तथा उत्तर भारत में आये भूकंप के कारणों की व्याख्या कीजिए।
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