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ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस

ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस

  • हाल ही में मच्छरों से फैलने वाले एक दुर्लभ वायरस, ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE), अमेरिका में पहली मौत दर्ज की गयी है।  
  • ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (ईईई) एक अत्यंत दुर्लभ और घातक संक्रमण है, जो संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है।
    • इसे` "ट्रिपल ई" वायरस के नाम से भी जाना जाता है।
  •  इस वायरस की पहली बार वर्ष 1938 में अमेरिका के मैसाचुसेट्स में घोड़ों में की गई थी।
  • प्रभावित अंग : मनुष्यों में, यह वायरस केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। 
    • इस वायरस से संक्रमित लगभग 30 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो जाती है।
  • संक्रमण : घातक वायरस घोड़ों सहित विभिन्न जानवरों को संक्रमित कर सकता है, घोड़े इस वायरस के प्राथमिक मेजबान माने जाते हैं। हालाँकि, इस वायरस का मानव-से-मानव संचरण अत्यंत दुर्लभ है।
  • वाहक : इस वायरस का सबसे आम वाहक काली पूंछ वाला मच्छर (कुलीसेटा मेलानुरा) है। , 
    • कुछ मामलों में एडीज और कोक्विलेटिडिया मच्छर भी शामिल हैं। 

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