प्रारंभिक परीक्षा – पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 – सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय |
सन्दर्भ
- हाल ही में, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर रोक लगाने की मांग की गयी।
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP)
- ERCP के माध्यम से दक्षिणी राजस्थान में बहने वाली चंबल तथा उसकी सहायक नदियों (कुन्नू, पार्वती, कालीसिंध) में वर्षा ऋतु के दौरान उपलब्ध अधिशेष जल का उपयोग राज्य के जल अभाव वाले दक्षिण-पूर्वी ज़िलों में किया जायेगा।
- ERCP में राजस्थान के 13 ज़िलों में पीने के पानी के लिए और 26 विभिन्न बड़ी एवं मध्यम परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध कराया जायेगा।
- इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे को भी जल की आपूर्ति की जाएगी।
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के माध्यम से जल-धाराओं के एक नेटवर्क का निर्माण किया जायेगा जो राजस्थान के 67 प्रतिशत क्षेत्र तथा 13 प्रतिशत आबादी को जलापूर्ति करने में सक्षम होगा।
चम्बल नदी
- चंबल नदी का प्राचीन नाम 'चर्मण्वती' तथा 'कामधेनु' है।
- यह नदी मध्य प्रदेश के महू जिले में जनापाव पहाड़ी से निकलती है।
- महाभारत तथा मेघदूत जैसे प्राचीन ग्रंथों मे भी चंबल नदी का उल्लेख प्राप्त होता है।
- चंबल नदी पर भैंसरोड़गढ़ के पास प्रख्यात 'चूलिया' प्रपात है।
- यह नदी राजस्थान के कोटा, बूँदी, सवाई माधोपुर व धौलपुर ज़िलों में बहती हुई उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले में यमुना नदी में मिल जाती है।
- यह राजस्थान की एक मात्र ऐसी नदी है, जो वर्ष भर बहती है।
- इस नदी पर गांधी सागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज बांध बने हैं।
- बनास, काली सिंध, शिप्रा, पार्वती, आदि चंबल की सहायक नदियाँ हैं।
- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ट्राइ-जंक्शन पर चंबल नदी के किनारे स्थित है।