चर्चा में क्यों
हाल ही में, विश्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में भारत और दक्षिण एशिया के लिये आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान व्यक्त किया गया है।
भारत की स्थिति
- विश्व बैंक के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष (FY 2022-23) में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8% तक रहने का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष (FY 2023-24) में वृद्धि दर 7.1% तक रह सकती है।
- इसके अतिरिक्त, अभी-अभी बीते वित्तीय वर्ष (FY 2021-22) के अंतिम अनुमान में देश की आर्थिक वृद्धि दर 8.3% रहने की संभावना है, जबकि इससे पूर्व के वित्तीय वर्ष (FY 2020-21) में कोविड-19 महामारी के कारण 6.6% का संकुचन देखा गया था।
दक्षिण-एशिया की स्थिति
- रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण दक्षिण एशिया के लिये चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 6.6% (पूर्व अनुमान से 1% कम) तथा अगले वित्त वर्ष में 6.3% रहने का अनुमान है।
- यह क्षेत्र पहले से ही असमान वृद्धि, वस्तुओं की बढ़ती कीमतें, आपूर्ति में बाधाएँ और वित्तीय क्षेत्र की कमजोरियां का सामना कर रहा है। युद्ध के कारण मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे में वृद्धि तथा चालू खाता शेष में गिरावट देखी जा रही है।
- इन चुनौतियों को देखते हुए, सरकारों को हरित, लचीले और समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए बाह्य आघातों का मुकाबला करने व कमजोर वर्गों की रक्षा के लिये मौद्रिक तथा राजकोषीय नीतियों के सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता है।