New
The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

आपदाओं के दौरान निर्वाचन आयोग की चुनाव टालने की शक्ति का परीक्षण

(प्रारम्भिक परीक्षा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, भारतीय राज्यतंत्र और शासन- संविधान, राजनीतिक प्रणाली)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: संघीय ढाँचे से सम्बंधित विषय, भारतीय संविधान- विशेषताएँ व महत्त्वपूर्ण प्रावधान, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ, विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्त्व)

पृष्ठभूमि

लोक सभा या विधान सभा का चुनाव उसके कार्यकाल या अवधि समाप्ति होने के 6 माह पूर्व से किसी भी समय कराया जा सकता है। स्थानिक आपदाओं या अन्य किसी तार्किक कारणों व विशेष परिस्थितियों के मद्देनज़र कुछ सीटों पर चुनाव आगे बढ़ाया जा सकता है। समय पर चुनाव न करा पाने की स्थिति में यह माना जाता है कि राज्य और संवैधानिक निकाय सही तरीके से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। आगामी कुछ माह में बिहार विधान सभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है और कोविड-19 के कारण चुनाव प्रक्रिया में समस्याएँ आने की सम्भावना है। कुछ दलों तथा विशेषज्ञ समूहों का मत है कि चुनाव की तिथि को आगे बढ़ा दिया जाए। ऐसी स्थिति में इस बात का परीक्षण करना ज़रूरी हो जाता है कि कब, कैसे और किन परिस्थितियों में विधानसभा या संसदीय चुनावों को स्थगित किया जा सकता है।

निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव में विलम्ब करने के अधिकार का परीक्षण

  • कानून के तहत यह अनिवार्य है कि निर्वाचन आयोग (ई.सी.) लोकसभा या विधान सभा का पाँच वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने के छह महीने पूर्व की समयावधि के दौरान किसी भी समय चुनाव कराए।
  • चुनाव की तिथियाँ इस तरह से तय की जानी चाहियें जिससे कि निवर्तमान सदन के विघटन के दिन नई विधानसभा या लोक सभा के गठन की प्रक्रिया पूर्ण हो गई हो। उदाहरणस्वरूप, बिहार के मामले में, निर्वाचन आयोग द्वारा आम तौर पर 29 नवम्बर को विधान सभा की समयावधि की समाप्ति से पूर्व विधान सभा चुनाव कराए जाने चाहिये।
  • किसी सदन के समय पूर्व विघटन के मामले में, निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करना होता है कि यथा​​सम्भव विघटन के छह महीने के भीतर नई लोक सभा या विधान सभा का गठन हो जाए।
  • अधिकांशत: यह देखा जाता है कि चुनाव आमतौर पर तय कार्यक्रम के अनुसार होता है। हालाँकि, कुछ असाधारण मामलों में, चुनावी प्रक्रिया को इसकी घोषणा के बाद स्थगित या यहाँ तक ​​की रोका भी जा सकता है।
  • जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम की धारा 153 के अनुसार, चुनावी प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिये मतदान पैनल चुनाव की समयावधि को बढ़ा सकता है, लेकिन इस तरह का कोई भी विस्तार लोकसभा या विधानसभा के सामान्य विघटन की तिथि से आगे नहीं जाना चाहिये।
  • वर्ष 1991 में, संविधान के अनुच्छेद 324 के साथ उपरोक्त प्रावधान का प्रयोग करते हुए निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु में राजीव गाँधी की हत्या के बाद तीन सप्ताह तक संसदीय चुनावों को स्थगित कर दिया था। ज्ञातव्य है कि अनुच्छेद 324 निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण से सम्बंधित है।
  • इसके अलावा, इस वर्ष मार्च में, कोविड-19 महामारी के कारण निर्वाचन आयोग द्वारा राज्यसभा की 18 सीटों के चुनाव स्थगित कर दिये गए थे।

निर्वाचन आयोग और चुनाव सम्बंधी कुछ प्रमुख तथ्य

I. संविधान के भाग-15 में अनुच्छेद-324 से 329 तक निर्वाचन आयोग व निर्वाचन सम्बंधी प्रावधानों का उल्लेख है।
II. निर्वाचन आयोग अंतिम रूप से वर्ष 1993 से तीन सदस्यीय निकाय है, जिसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा दो आयुक्त होते हैं। इनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और वैधानिक रूप से वे ही आयुक्तों को हटा सकते हैं।
III. निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल अधिकतम 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक होता है। निर्वाचन आयुक्त की सेवा, शर्तें व कार्य संचालन अधिनियम, 1991 के अनुसार, निर्वाचन आयुक्तों को उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायाधीशो की भाँति वेतन और भत्ते प्राप्त होते हैं (रु. 2.5 लाख)।
IV. मुख्य चुनाव आयुक्त परिसीमन आयोग का पदेन सदस्य भी होता है।
V. दिनेश गोस्वामी समिति तथा इंद्रजीत गुप्ता समिति चुनाव सुधार से सम्बंधित है।
VI. जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के खंड-8 (A) में भ्रष्ट आचरण के आधार पर अयोग्यताओं का उल्लेख है।
VII. निर्वाचन आचरण नियम,1961 में डाक मतपत्र एवं ई.वी.एम. (EVM) से सम्बंधित प्रावधानों का उल्लेख है।

बिहार विधान सभा चुनाव का उदहारण और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 153

  • महत्त्वपूर्ण रूप से यह उल्लेखनीय है कि चुनाव की अधिसूचना ज़ारी होने के बाद ही धारा 153 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग किया जा सकता है।
  • यदि निर्वाचन आयोग बिहार चुनाव को स्थगित करना चाहता है, तो उसे अनुच्छेद 324 के तहत प्राप्त असाधारण शक्तियों के माध्यम से ऐसा करना होगा। हालाँकि, इसके लिये निर्वाचन आयोग को समय पर चुनाव कराने में असमर्थता के बारे में सरकार को सूचित करना होगा।
  • इसके बाद, सरकार और राष्ट्रपति भविष्य की स्थितियों को तय करेंगे, जिसमें राष्ट्रपति शासन को लागू करने या निवर्तमान मुख्यमंत्री/विधान सभा को अतिरिक्त छह महीने के कार्यकाल की अनुमति शामिल है।

राष्ट्रीय दल

चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के अनुसार,

A. वर्तमान में सात मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दल हैं: कांग्रेस, भा.ज.पा, ब.स.पा, सी.पी.आई, सी.पी.आई.-एम, एन.सी.पी. और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस।
B. राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने की शर्तें-

(a) उस दल ने लोकसभा के अंतिम आम चुनाव में 2% सीटे प्राप्त की हो तथा ये सीटें कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों में प्राप्त की गई हों, अथवा
(b) उस दल को कम से कम चार राज्यों में राज्य स्तरीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हो, अथवा
(c) कोई दल लोक सभा या विधान सभा चुनावों में कम से कम चार राज्यों में कुल वैध मतों का 6% मत प्राप्त करता हो, साथ ही, किसी राज्य या राज्यों से इसने चार लोक सभा सीटों पर विजय प्राप्त की हों।

C. राष्ट्रीय दलों को पार्टी कार्यालय स्थापित करने के लिये सरकार से भूमि या भवन प्राप्त होते हैं।
D. राष्ट्रीय दल के पास चुनाव प्रचार के दौरान 40 'स्टार प्रचारक' हो सकते हैं जबकि अन्य में 20 'स्टार प्रचारक' हो सकते हैं।

चुनाव आयोग द्वारा चुनाव स्थगित करने की परिस्थितियाँ

  • निर्वाचन आयोग के पूर्व कानूनी सलाहकार के अनुसार, ऐसा कोई भी विशिष्ट कानूनी प्रावधान नहीं है, जो उन परिस्थितियों को निर्दिष्ट करता हो, जिसके तहत चुनाव को स्थगित किया जा सकता है।
  • कानून और व्यवस्था, भूकम्प तथा बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ या कोई अन्य ऐसी परिस्थितियाँ जो चुनाव आयोग के नियंत्रण से बाहर हैं, आयोग के लिये इस मामले में निर्णय लेने हेतु मार्गदर्शक कारक सिद्ध होंगे।
  • चुनावों के स्थगन पर फैसला आमतौर पर ज़मीनी वास्तविकता तथा केंद्र व राज्य सरकारों से इनपुट लेने के बाद किया जाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X