New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 March, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30 March, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back GS Foundation (P+M) - Delhi: 26 March, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30 March, 10:30 AM Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

इलेक्ट्रॉनिक घटक प्रोत्साहन योजना

(प्रारंभिक परीक्षा: सरकारी योजनाएँ, समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन व कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ 

केंद्र सरकार ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण में महत्वाकांक्षी वृद्धि के लिए इलेक्ट्रॉनिक घटक प्रोत्साहन योजना (Electronics Component Incentive Plan) को मंजूरी दी है।

इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रोत्साहन योजना के बारे में

  • नोडल मंत्रालय : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
  • समयावधि : 6 वर्ष
  • बजट : 22,919 करोड़ रुपए
  • लक्ष्य : 2,300 करोड़ रुपए से लेकर 4,200 करोड़ रुपए के वार्षिक प्रोत्साहन द्वारा 91,600 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित करना।
    • यह प्रोत्साहन कंपनियों द्वारा संबंधित वर्ष के लिए निवेश, उत्पादन एवं रोजगार लक्ष्यों को पूरा करने की शर्त पर होगा।
  • उद्देश्य : मोबाइल डिवाइस, लैपटॉप, पी.सी. एवं सर्वर जैसे इलेक्ट्रॉनिक तैयार उत्पादों का मूल्य संवर्धन करना।
  • लक्षित घटक : डिस्प्ले मॉड्यूल, सब असेंबली कैमरा मॉड्यूल, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली, लिथियम सेल एनक्लोजर, रेसिस्टर्स, कैपेसिटर एवं फेराइट्स आदि।

इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रोत्साहन योजना की विशेषताएँ

  • इस योजना में तीन अलग-अलग तरह के प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं : परिचालन व्यय, पूंजीगत व्यय एवं दोनों के संयोजन के आधार पर।
  • परिचालन व्यय प्रोत्साहन’ उत्पादन लिंक प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं की तरह शुद्ध वृद्धिशील बिक्री के आधार पर दिए जाएंगे और पूंजीगत व्यय प्रोत्साहन पात्र पूंजीगत व्यय के आधार पर दिए जाएंगे।
  • ग्रीनफील्ड के साथ-साथ ब्राउनफील्ड निवेश भी सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।
  • विदेशी कंपनियाँ या तो किसी भारतीय कंपनी को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए प्रतिबद्ध होकर या किसी घरेलू फर्म के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से योजना में भाग लेकर इस योजना में भाग ले सकती हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स घटक प्रोत्साहन योजना का महत्त्व

  • भारत में इलेक्ट्रॉनिक घटकों का आयात लगभग 12% की दर से बढ़ रहा है किंतु वर्तमान माँग को पूरा करने के लिए निर्यात के साथ घटकों के उत्पादन को 53% से अधिक की दर से बढ़ाना होगा।
  • यही कारण है कि देश के लिए इलेक्ट्रॉनिक घटकों के क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण योजना पर काम करना महत्वपूर्ण है।

इलेक्ट्रॉनिक घटक विनिर्माण के समक्ष प्रमुख चुनौतियाँ

  • देश में घरेलू पैमाने पर इलेक्ट्रोनिक घटकों के विनिर्माण की कमी
  • निवेश एवं कारोबार का अनुपात बहुत कम होना
    • स्मार्टफ़ोन जैसे तैयार उत्पादों के मामले में प्रति 1 रूपए के निवेश से लगभग 20 रुपए प्राप्त हो सकते हैं जिस पर भारत वर्तमान में ध्यान केंद्रित कर रहा है।
    • हालाँकि, इलेक्ट्रॉनिक घटकों के मामले में निवेश के प्रति 1 रुपए से मात्र 2-4 रुपए ही प्राप्त होंगे।
  • विदेशी आयात पर अत्यधिक निर्भरता
    • इलेक्ट्रॉनिक्स आयात तेल के बाद दूसरी सबसे बड़ी आयात की जाने वाली वस्तु है।
    • इस प्रवृत्ति के अनुसार, वर्ष 2028-29 तक घटकों की माँग 160 बिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR